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Tuesday, September 4, 2018

कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन फसल को कीट बीमारियों से बचाने के उपाय बताये आप भी जाने

भोपाल। सोयाबीन, उड़द तथा मूंग में विभिन्न रोगों एवं कीट व्याधियों के फैलने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए कृषि विभाग द्वारा इनके रोकथाम के लिए किसानों को सलाह दी गई है। किसानों को सलाह दी गई है कि खेत में सोयाबीन फसल के पौधों में जैसे ही पीलापन दिखाई दे उन पौधों को उखाड़कर खेत से बाहर गड्डे में गाड़ दें जिससे कि अन्य पौधों में रोग न फैले। इसी प्रकार खेत में पीले रंग की चिपचिपे ट्रेप का उपयोग करे, जिसमें पीले रंग के गत्ते का दो फिट लम्बा दो फिट चौड़ा बॉक्स, जिस पर ग्रीस लगाकर खेत में फसल से एक फिट की उँचाई पर लगाये जिससे सफेद मच्छर चिपक कर नष्ट होंगे।  
    खेतों में सफेद मच्छर (व्हाईट फ्लाई) भी पीला मोजेक रोग के लिये वाहक का काम करते हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे सफेद मच्छर के नियंत्रण हेतु सोयाबीन फसल में इमिडाक्लोपिड 18.7 प्रतिशत एस.एल.150 मिलीलीटर अथवा एसिटामीप्रीड 20 एस.पी. 100 ग्राम अथवा थायोमिथाग्जम 12.6 प्रतिशत एवं लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत जेड. सी. 80 मिलीलीटर अथवा एसीफेट 50 प्रतिशत एवं इमिडाक्लोप्रिड 1.8 एस.पी. 400 ग्राम अथवा पायरीप्रोक्सीफेन 5 प्रतिशत एवं डाईफेनथ्रुरान 25 प्रतिशत एस.ई. 500 मिली लीटर, इन कीटनाशकों में से क्रमबद्धता अनुसार किसी एक कीटनाशक का छिड़काव 10 दिन के अंतर पर करें। जिन किसानों ने इमिडाक्लोपिड अथवा एसिटामीप्रीड 20 एस.पी. अथवा थायोमिथाग्जम 12.6 प्रतिशत एवं लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत जेड. सी. 80 मिलीलीटर का छिड़काव कर दिया है एवं नियंत्रण न होने की स्थिति में एसीफेट 50 प्रतिशत एवं इमिडाक्लोप्रिड 1.8 एस.पी. 400 ग्राम अथवा पायरीप्रोक्सीफेन पायरीप्रोक्सीफेन 5 प्रतिशत एवं डाईफेनथ्रुरान 25 प्रतिशत एस.ई. 500 मिली लीटर, का 500 लीटर पानी का घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करना चाहिए। सोयाबीन के तने के पास लगी हुई फलियां गहरे भूरे रंग की होकर दाने भरने के पूर्व सूख जाती है। उपरी भाग की फलियों में धब्बे दिखाई देते है, यह एन्थ्रेकनोज रोग के लक्षण है। इसके नियंत्रण हेतु थायोफिनाईट मिथाईल 1 किलो ग्राम प्रति एक हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल 625 मिली लीटर एक हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल़सल्फर 1 लीटर एक हेक्टेयर अथवा हेक्झाकोनाझोल 500 मिली लीटर एक हेक्टेयर में अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबिन 500 ग्राम एक हेक्टेयर को 500 लीटर पानी में मिला कर छिडकाव करे। लाल मकड़ी का प्रकोप होने पर सोयाबीन फसल पर इथियान 1.5 लीटर एक हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें। चने की इल्ली,सेमीलूपर सिकुड़कर चलने वाली इल्ली के साथ-साथ तम्बाखू की इल्ली एवं सफेद मक्खी का प्रकोप दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोमिथाक्सऩलेम्बडा सायहेलोथ्रिन 125 मिली लीटर एक हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। जिन स्थानों पर गर्डल ब्रीटल रिंग बनाकर पौधे की टहनियों को खोखला करती है। ऐसा प्रकोप दिखाई दे तो वहां पर थाइक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. 650 मिली लीटर एक हेक्टेयर ट्रायझोफॉस 40 ई.सी. 800 मिली लीटर एक हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें, एवं ग्रसित पौधो को पहचान कर उन्हें नष्ट कर दें।