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Monday, September 16, 2019

आपको कभी Typhoid हुआ है तो पढ़ लें यह खबर, डीएनए भी हो सकता है डैमेज!

लंदन। अगर आपको कभी भी टॉयफॉइड हुआ है तो हो सकता है कि आप अब भी इसके बुरे प्रभाव के चपेट में हों। दरअसल, टायफॉइड महज एक बुखार नहीं है, बल्कि इससे आपके डीएनए पर भी असर पड़ सकता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैसे टायफॉइड के बैक्टीरिया से निकलने वाला टॉक्सिन (जहरीला पदार्थ) प्रभावित सेल की नैचरल रिपेयरिंग मकैनिजम को खराब कर देता है जिससे यह जल्द बूढ़ी होने लगती है। आगे चलकर यह सेल खतरनाक बीमारियों लड़ने की क्षमता खो देती हैं।
जर्नल 'नेचर कम्युनिकेशंस' में छपी एक स्टडी के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने सेल को टायफॉइड फैलाने वाले बैक्टीरिया साल्मोनेला टायफी से इनफेक्टेड करवाया ताकि इसमें टायफॉइड हो जाए। शोधकर्ताओं ने देखा कि पैथोजन ने टयफॉइड टॉक्सिन रिलीज किया जो सेल का डीएनए डैमेज कर देता है।
स्टडी के मुताबिक हमारी सेल का डीएनए लगातार कई खतरों से जूझता है जैसे स्मोकिंग और अल्ट्रावायलट लाइट लेकिन सेल के पास डीएनए रिपेयर करने की जबरदस्त क्षमता होती है।
टायफॉइड से निकलने वाला टॉक्सिन इसी डीएनए रिपेयर मशीन को प्रभावित करता है और सेल्युलर एजिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे उनमें इन्फेक्शंस से खतरे बढ़ जाते हैं।
ऑथर्स के मुताबिक इन्फेक्टेड सेल से ऐसे पदार्थ निकलते हैं जो आसपास के सेल्स को प्रभावित करते हैं और सेल एजिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
2018 की वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट की मानें तो टायफॉइड फीवर मिडल इनकम कंट्रीज में लोगों की मौत की बड़ी वजह है। इससे हर साल 168,000 लोगों को मौत हो जाती है।
वैज्ञानिक अब इस बात का पता लगा रहे हैं कि इस खोज से टायफॉइड के इलाज में कैसे मदद मिल सकती है। वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि डीएनए डैमेज से जुड़ी दूसरी बीमारियां जैसे कैंसर का इनसे क्या संबंध है। इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि स्वच्छता बनाकर रखें और बाहर का खाना और पानी पीने में सावधानी रखें। इम्यून सिस्टम मजबूत रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।