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Wednesday, October 30, 2019

BJP का प्लान 'B' तैयार, ना NCP ना शिवसेना की लेंगे हेल्प फिर भी बनाएंगे महाराष्ट्र में सरकार!

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवेसना (Shiv Sena) ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर अड़ियल रवैया अपनाए हुए है, ऐसे में बीजेपी (BJP) ने सरकार बनाने के लिए प्लान 'बी' तैयार कर लिया है. बीजेपी (BJP) के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने दावा किया है कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक अलग पार्टी बनाकर बीजेपी (BJP) को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं. ZEE मीडिया के चैनल 24तास के डिबेट शो में काकड़े ने दावा किया कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक बीजेपी (BJP) के संपर्क में हैं, वे लोग फोन कर रहे हैं और सरकार बनाने का अनुरोध कर रहे हैं, वे कह रहे हैं कि बीजेपी (BJP) उनका सपोर्ट ले. इसे बीजेपी (BJP) के 'प्लान बी' के तहत प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है.
बीजेपी (BJP) ने तय कर लिया है की शिवसेना की शर्त के आगे नहीं झुकेगी. साथ ही शिवसेना के सामने 31 अक्टूबर की समयसीमा तय कर दी है. इस समय सीमा के भीतर अगर शिवसेना नहीं मानती है तो बीजेपी (BJP) प्लान बी आजमाएगी. 
प्लान बी के तहत बीजेपी (BJP) ने तय किया है की शिवसेना के साथ या शिवसेना के बिना राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. अपने साथ वह छोटी पार्टियों और निर्दलीयों के समर्थन का लेटर भी ले जाएंगे.
सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उसका दावा सबसे पहला और सबसे मजबूत होता है. देवेंद्र फडणवीस बीजेपी (BJP) विधायकों और निर्दलीय समर्थक विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा ठोंकने की तैयारियों में है.
देवेंद्र फडणवीस ने मन बना लिया है कि वह या तो शिवसेना के साथ या बैगर शिवसेना के सरकार बनाएंगे और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ कुछ अन्य सीनियर बीजेपी (BJP) नेता और छोटे मित्र दल के सदस्य भी शपथ लेंगे. जब राज्यपाल से बहुमत साबित करने का वक्त मिल जाएगा तब फिर से शिवसेना से बात करने की कोशिश होगी.  अगर तब भी शिवसेना नहीं मानती है तो, बिना शिवसेना बहुमत साबित करने की कोशिश होगी. इसके बाद बैकडोर राजनीति के तहत एनसीपी से एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है, जिसमें अगर एनसीपी खुद किसी सम्मानजनक मुद्दे पर वोटिंग का बॉयकॉट करती है तो बीजेपी (BJP) की आसानी से बहुमत साबित हो जायेगी.
यानी एनसीपी के 54 विधायक के विरोध करने की सूरत में 289 सदस्यीय विधानसभा की ताकत रह जाती है 235. इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 118 हो जाएगा. इसमें बीजेपी (BJP) के 105 विधायकों के साथ 13 अन्य विधायक छोटी पार्टियों और निर्दलीय से आ जाएंगे. अब तक प्रदेश के 15 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलाकर बीजेपी (BJP) की झोली में कुल 120 विधायकों का संख्याबल जुटा लेने का दावा है. बीजेपी (BJP)​ ने अपनी तरफ से समर्थन के लेटर जुटाने भी शुरू कर दिए हैं, ​जिसके तहत बीजेपी (BJP) बहुमत साबित कर लेगी.
बहुमत साबित करने के बाद फिर शिवसेना को सरकार में एंट्री दी जायेगी. शिवसेना के नहीं, बल्कि बीजेपी (BJP) के टर्म पर. यानी 50-50 बंटवारा नहीं होगा. शिवसेना को उसके संख्याबल के आधार पर सरकार में जगह मिलेगी. यानी ढाई साल के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री नहीं होगा. साथ ही चूंकि शिवसेना के विधायक बीजेपी (BJP) के मुकाबले आधे ही हैं इसलिए मंत्री पद आधे के बजाय एक तिहाई ही मिलेंगे.
सूत्र बताते हैं कि प्लान 'बी' के चलते ही अमित शाह ने बुधवार को मुंबई आने का प्लान रद्द कर दिया है. अब शाह की जगह जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव मुंबई आएंगे. अभी तक उद्धव ठाकरे के साथ उनकी कोई मीटिंग प्रस्तावित नहीं है. चुनावी नतीजों के बाद से अबतक दोनों दलों के बीच बातचीत बंद है. शिवसेना मुखपत्र सामना में आये दिन कटाक्ष कर रही है, जिससे बीजेपी (BJP) काफी नाराज है.
अब बीजेपी (BJP) के इस प्लान के बाद गेंद शिवसेना के पाले में आ जाती है की उसे सरकार में शुरू से रहना है या नहीं. शिवसेना को बीजेपी (BJP) के इस प्लान बी की भनक लग चुकी है जिसके बाद से पार्टी में खलबली मची है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी (BJP), शिवसेना के रुख में नर्मी की शर्त पर बातचीत के मूड में है.
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मिलिक ने प्रदेश की सियासत में नए राजनीतिक संकेत दे दिये हैं. एनसीपी के मुताबिक महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना और बीजेपी (BJP) के बीच बात नहीं बन पाने और बीजेपी (BJP) के सदन मे बहुमत सिद्ध करने के दौरान उपजी परिस्थितियों में राजनीतिक पैंतरा चलेंगे.
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) की सरकार गठन प्रक्रिया मेँ शिवसेना की राजनीतिक रणनीति देखेंगे और तब की विधानसभा सदन में राजनीतिक स्थिति के बाद ही एनसीपी अपनी अगली नई राजनीतिक रणनीति तय करेगी.