शिवपुरी। जिले के करैरा की पूर्व विधायक शकुन्तला खटीक को शासकीय कार्य मे बाधा के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा विधायको के लिए बनाई गई स्पेशल कोर्ट भोपाल में सुनाई गई है।
जानकारी के अनुसार बीते 2017 में करैरा सहायता केंद्र चौराहे पर मंदसौर गोलीकांड के विरोध में कांग्रेस का आंदोलन चल रहा था। बहा किसानों ब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक भी मौजूद थी। पुतला दहन के दौरान पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भीड़ पर पानी की बौछार करने के दौरान विधायक भीग गई थी। इससे विधायक बौखला गई और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर तत्कालीन थाना प्रभारी संजीव तिवारी के साथ अभद्रता करते हुए झूमाझटकी करते हुए अपने समर्थकों को उकसाते हुए थाने में आग लगाने की बात कही थी।
यह वीडियो मीडिया में जमकर वायरल हुआ उसके बाद पुलिस ने इस मामले में विधायक शकुंतला खटीक, 7 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर स्पेशल कोर्ट भोपाल में पेश किया। जहां मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने सभी आरोपियों को 3-3 साल की जेल और 5-5 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों को तत्काल 5 हजार के मुचलके पर जमानत मिल गई है। अब 45 दिन में इस मामले की अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना होगा।
मामला क्या है:-
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व शिवराज सिंह सरकार के समय मंदसौर किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रही थी। इसी क्रम में शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा में तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक ने अपने समर्थकों से लगातार तीन बार कहा कि "थाने में आग लगा दो।" पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था। भोपाल की विशेष न्यायालय है इस मामले में शकुंतला खटीक को 3 साल जेल की सजा सुनाई है।
जो किया किसानों के लिए किया, अपील करेंगे:-
कांग्रेस की महिला नेता एवं पूर्व विधायक शकुंतला खटीक ने कहा कि किसानों के लिए संघर्ष कर रहे थे। किसी भी प्रकार की हिंसा की मंशा नहीं थी और ना ही किसी भी प्रकार की हिंसा हुई। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
जानकारी के अनुसार बीते 2017 में करैरा सहायता केंद्र चौराहे पर मंदसौर गोलीकांड के विरोध में कांग्रेस का आंदोलन चल रहा था। बहा किसानों ब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक भी मौजूद थी। पुतला दहन के दौरान पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भीड़ पर पानी की बौछार करने के दौरान विधायक भीग गई थी। इससे विधायक बौखला गई और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर तत्कालीन थाना प्रभारी संजीव तिवारी के साथ अभद्रता करते हुए झूमाझटकी करते हुए अपने समर्थकों को उकसाते हुए थाने में आग लगाने की बात कही थी।
यह वीडियो मीडिया में जमकर वायरल हुआ उसके बाद पुलिस ने इस मामले में विधायक शकुंतला खटीक, 7 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर स्पेशल कोर्ट भोपाल में पेश किया। जहां मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने सभी आरोपियों को 3-3 साल की जेल और 5-5 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों को तत्काल 5 हजार के मुचलके पर जमानत मिल गई है। अब 45 दिन में इस मामले की अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना होगा।
मामला क्या है:-
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व शिवराज सिंह सरकार के समय मंदसौर किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रही थी। इसी क्रम में शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा में तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक ने अपने समर्थकों से लगातार तीन बार कहा कि "थाने में आग लगा दो।" पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था। भोपाल की विशेष न्यायालय है इस मामले में शकुंतला खटीक को 3 साल जेल की सजा सुनाई है।
जो किया किसानों के लिए किया, अपील करेंगे:-
कांग्रेस की महिला नेता एवं पूर्व विधायक शकुंतला खटीक ने कहा कि किसानों के लिए संघर्ष कर रहे थे। किसी भी प्रकार की हिंसा की मंशा नहीं थी और ना ही किसी भी प्रकार की हिंसा हुई। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।