छत्तीसगढ़। बस्तर संभाग में नक्सल मोर्चे पर तैनात अर्धसैन्य बलों के जवान मामूली विवाद पर ही आपा खो रहे हैं। ऐसे में वे अपने ही साथियों को गोलियों से भूनने में नहीं हिचक रहे हैं। कैंपों या सर्च आपरेशन के दौरान मामूली बात पर ही अंधाधुंध फायरिंग की कई घटनाएं सामने चुकी हैं। बीते सात वर्ष में इस प्रकार की तीन बड़ी वारदात हुईं हैं। इनमें आइटीबीपी, सीआरपीएफ व सीएएफ के कुल 10 जवानों की जान जा चुकी हैं। वहीं चार जवान घायल भी हुए हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में तैनात आईटीबीपी के एक जवान ने किसी बात पर साथियों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 6 जवानों की मौत हो गई, जबकि दो जवान गंभीर घायल हो गए, जिनका रायपुर में इलाज चल रहा है।
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इस प्रकार की निर्मम घटनाओं के पीछे जवानों मेंं आपसी विवाद, स्थानीय लोगों से ताल्लुक के चलते विवाद, कड़े अनुशासन के चलते असंतुलन आदि प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। कई बार छुट्टी पर जाने को लेकर भी विवाद हुए। कभी छुट्टी से वापसी के बाद पारिवारिक तनाव का गुस्सा कैंप में उतारा गया। साथी जवानों पर गोली चलाने के अलावा खुद को मारने की प्रवृत्ति भी तेजी से बढ़ी है। छुटपुट वारदातों को छोड़ भी दें तो बीते सालों में कुछ ऐसी बड़ी घटनाएं हुईं हैं जिससे हड़कंप मचा।
केस एक : अनुशासनहीनता की शिकायत की तो चार की जान ले ली:-
नौ दिसंबर 2017 की शाम चार बजे का वक्त। बीजापुर जिले के बासागुड़ा स्थित सीआरपीएफ 168वीं बटालियन का कैंप क्रमांक दो। जवान नाश्ते के बाद कैंप परिसर से बैरकोें में जा रहे थे। इस बीच कांस्टेबल संतराम निवासी फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश पहुंचा और सर्विस रायफल से कई राउंड गोलियां दाग दीं। इससे एसआइ विक्की शर्मा, एएसआइ राजबीर सिंह, कांस्टेबल शंकर राव, एसआइ मेघसिंह की मौत हो गई। वहीं गजानंद आरक्षक घायल हो गया। उसके विस्र्द्ध कोर्ट आफ इंक्वायरी बिठाई गई। वर्तमान में वह जेल में है। आरोपित जवान मौके से लगे बल के दूसरे कैंप में पदस्थ था। वह रात के वक्त देसी मदिरा सेवन करने गांव के भीतर जाया करता था। इसकी शिकायत कमांड अफसर को करने पर उसे दूसरे कैंप में पोस्टेड किया गया था।
केस दो : सो रहे साथियों को आधी रात मौत की नींद सुला दिया:-
दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में 112वीं बटालियन सीआरपीएफ पोस्ट में 26 दिसंबर 2012 की रात 12 बजे सभी जवान भोेजन के बाद सोने चले गए। इस बीच कांस्टेबल दीपक कुमार तिवारी निवासी यूपी अपने बिस्तर से उठा और एके 47 से कमरे में सोये हुए साथी जवानों पर कई राउंड फायरिंग कर दी। इस घटना में गुजरात निवासी आरक्षक चंदन सिंह , छत्तीसगढ़ के आरक्षक रमेश कुमार, पुस्र्षोत्तम लाल साहू, यूपी के अनिरुद्ध कुमार नींद की हालत मेें ही मौत के आगोश में चले गए। वहीं महाराष्ट्र का सुनील सावंत गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की विभागीय जांच में पाया गया कि आरोपी जवान कुछ दिन पूर्व ही छुट्टी से लौटा था और उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी।
केस तीन : प्रेम प्रसंग के चलते साथियों को भून दिया:-
बीजापुर जिले के नैमेड़ थाना क्षेत्र के मिंगाचल के सीएएफ कैंप के जवान 19 जून 2019 को सर्च आपरेशन से लौट रहे थे। इसी दौरान आरोपी जवान संजय निषाद के अंतरंग प्रेम प्रसंग को लेकर साथियों ने कुछ मजाक कर दिया। इससे नाराज संजय निषाद ने अपनी एके 47 राइफल से फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में चांपा जांजगीर निवासी सुरेंद्र साहू व कर्वा के संजय भास्कर की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के पीछे बताई गई वजह के मुताबिक आरोपी जवान का किसी स्थानीय युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था।
छुट्टी देने से नाराज था जवान, बैग पैकिंग के बाद उठाया घातक कदम:-
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिला स्थित कड़ेनार के आइटीबीपी कैंप में तैनात एक जवान ने बुवार सुबह साथी जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। घटना में छह जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो जवान घायल हुए हैं। मृत जवानों में फायरिंग करने वाला जवान भी शामिल है। घायल जवानों को एयर लिफ्ट कराकर रायपुर के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। जिसमें एक जवान की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि आरोपित जवान मसुदुल रहमान को छुट्टी पर भेजा जा रहा था। वह छुट्टी में जाने की तैयारी कर रहा था। उसी दौरान अचानक उसने साथी जवान का हथियार उठा कर गोलीबारी कर दी। घटना की और क्या वजह हो सकती है, इसका पता लगाया जा रहा है।
आरोपित जवान के खिलाफ अनुशासनहीनता या दूसरे जवानों से विवाद का कोई मामला पहले कभी समाने नहीं आया था। एसपी ने कहा कि आमतौर पर छुट्टी न दिए जाने से जवानों का आक्रोश देखा जाता है पर इस मामले में इसका ठीक उल्टा है।
नारायणपुर जिले के बारसूर पल्ली मार्ग का काम पिछले तीन सालों से चल रहा है। जिले के धौड़ाई तक पक्की सड़क है। इसके आगे दो चरणों में कन्हारगांव से करेमेटा और वहां से कड़ेनार तक सड़क का निर्माण चल रहा है। इसी सड़क निर्माण की सुरक्षा के लिए कड़ेनार में आइटीबीपी 45वीं बटालियन की एक कंपनी सहायक कमांडेंट ब्रजमोहन के नेतृत्व में तैनात की गई है। यहां आइटीबीपी के 110 जवान और जिला पुलिस बल के 10 जवानों की तैनाती की गई है। यह कंपनी यहां एक साल से तैनात है और तभी से पश्चिम बंगाल का जवान मसुदुल रहमान भी यहां रह रहा था।
एक साल से छुट्टी पर नहीं गया था:-
बताया गया है कि रहमान एक साल में कभी भी छुट्टी पर नहीं गया। नियमों के अनुसार समय-समय पर जवानों को छुट्टी दी जाती है। रहमान की छुट्टी की बारी आयी तो उसने आवेदन दिया था कि उसे अभी नहीं बल्कि बाद में छुट्टी लेनी है। उसे घर बनाने के लिए छुट्टी चाहिए थी। जुलाई में एक बार छुट्टी मिली तो वह गया नहीं। अभी 60 दिन का अवकाश स्वीकृत कर उसे रवाना किया जा रहा था।
कुछ इस तरह हुई घटना:-
- सुबह करीब 8.30 बजे से 8.45 के बीच रहमान अपना बैग पैक कर रहा था जबकि अन्य जवान उसे बाहर निकालने के लिए रोड ओपनिंग की तैनाती के लिए तैयार हो रहे थे।
- रहमान ने अपना हथियार मालखाने में जमा करवा दिया था। अचानक उसे न जाने क्या सूझा कि उसने एक साथी जवान की एके 47 रायफल उठा ली और अंधाधुंध फायरिंग करने लगा।
- गोलीबारी करते हुए अपने बैरक से निकलकर वह दूसरे बैरकों और रेडियो रूम तक गया। इस दौरान जो भी सामने आया वह मारा गया।
- चर्चा है कि बाद में साथी जवानों ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें वह मारा गया। हालांकि पुलिस के अफसर अभी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि वह क्रास फाइरिंग में मरा या फिर उसने खुद को भी गोली मार ली।
बड़े अफसर तुरंत पहुंचे:-
घटना के बाद आइटीबीपी के डीआइजी अवनीश कुमार, एसपी नारायणपुर मोहित गर्ग और कंपनी कमांडेंट सुरेश यादव मौके पर पहुंचे। वारदात के बाद आक्रोशित जवानों ने खुद को कैंप में बंद कर लिया और मीडिया को आसपास भी नहीं फटकने दिया। घायल दोनों जवानों को हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा गया। मृतकों के शवों को एक अन्य हेलीकॉप्टर से रायपुर के लिए रवाना किया गया वहां पोस्टमार्टम के बाद उनके गृहग्राम रवाना कर दिया गया।
घटना के बाद कैंप के बाहर सख्ती:-
घटना के बाद कैंप की सुरक्षा बढ़ा दी गई। मीडिया समेत ग्रामीणों को कैंप से काफी दूर रोक दिया गया। अफसरों ने भी कैंप के भीतर की घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
घायल जवान के पेट में फंसी गोली:-
कांस्टेबल एसबी उल्लास तिरूवन्दापुरम केरल निवासी जवान की हालत गंभीर बनी हुई है। हालत को देखते हुए रायपुर के निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन रोक दिया है। उसके पेट में गोली फंस गई है। जबकि कांस्टेबल सीताराम दून नागौर राजस्थान के पैर में गोली लगी है। इसकी हालत ठीक है।
कल की घटना में मारे गए जवान:-
फायरिंग करने वाले जवान मसुदुलरहमान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
- हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह, निवासी ग्राम संदियार, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
- हेड कांस्टेबल दलजीत सिंह, निवासी ग्राम जागपुर, जिला लुधियाना, पंजाब
- कांस्टेबल मसुदुल रहमान, निवासी ग्राम बिलकुमरी, जिला नादिया, पश्चिम बंगाल
- कांस्टेबल सुरजीत सरकार, निवासी ग्राम नॉर्थ श्रीरामपुर, जिला बर्दवान, पश्चिम बंगाल
- कांस्टेबल बिश्वरूप महतो, निवासी ग्राम खुरमुरा, जिला पुस्र्लिया, पश्चिम बंगाल
- कांस्टेबल बिजेस, निवासी ग्राम इरावाट्टोर, जिला कोझिकोड, केरल
घायल जवान:-
- कांस्टेबल उल्लास, निवासी ग्राम पुलिमठ, जिला तिरूअनंतपुरम, केरल
- कांस्टेबल सीता राम दून, निवासी ग्राम नायाबास, जिला नागौर, राजस्थान







