भोपाल. मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। आए दिन कांग्रेस के किसी ना किसी विधायक की नाराजगी सामने आ रही है। ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने तो कमलनाथ सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं। ये पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस विधायकों ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाएं हों। एक साल की कमलनाथ सरकार में समय-समय पर विधायकों की नाराजगी सामने आती रही है।
मुन्नालाल गोयल ने खोला मोर्चा:-
विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा- यह धरना घोषणा पत्र में किए गए वादों की याद दिलाने के लिए है। यह वादा किया गया था कि भूमिहीन गरीबों को जमीन मिलेगी लेकिन मेरे निर्वाचन क्षेत्र में गरीबों को भूमि नहीं मिली है। जमीन देने के बजाय प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। गोयल ने सीएम कमल नाथ को लेटर भी लिखा है। गोयल ने कहा कि मैं सीएम को कई बार लेटर लिख चुका हूं लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। मुन्नालाल गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक हैं।
अवैध रेत खनन को लेकर हमला:-
मुन्नालाल गोयल से पहले कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ हमला बोला था। नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा से कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल ने अवैध रेत खनन को लेकर कहा था कि 'अपनों और कांग्रेस से मिले धोखे की वजह से नर्मदा मां की कसम पूरी नहीं कर पा रही हूं। सुनीता पटेल के इस बयान के बाद भी कमल नाथ सरकार पर सवाल खड़े हुए थे।
आदिवासियों के लिए कुछ नहीं हुआ:-
जयस के संरक्षक और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने भी आदिवासियों के मुद्दे पर अपनी सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था- आदिवासियों की वही स्थिति है जो पहले थी। उन्हें ना तो रोजगार मिला और न ही उनका पलायन रूका है। रोजगार की तलाश में धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी और खरगोन जिले में प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा आदिवासी पलायन कर दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं। वे समय-समय पर यह मांग उठाते रहे हैं लेकिन इसका सकारात्मक असर नहीं दिखा। हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भी मांग उठाई थी। सरकार को चाहिए इस ओर ध्यान दिया जाए।
स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल:-
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी कमलनाथ सरकार के खिलाफ हमला बोल रहे हैं। लक्ष्मण सिंह ने अपनी सरकार के खिलाफ एक के बाद एक कई मुद्दों पर घेरा है। कमलनाथ सरकार के एक साल पूरे होने पर उन्होंने कहा था कि एक साल में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है।