तिरुवनंतपुरम, पीटीआइ। शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक शख्स का कोरोना वायरस संक्रमण टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद एक मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मियों समेत लगभग 100 लोगों को क्वारंटाइन में जाने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी को खुद इसकी जानकारी नहीं थी कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित है।
बताया जा रहा है कि दो दिन पहले अवैध शराब की तस्करी से जुड़े एक मामले में दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पूजापुरा केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। रविवार को उसका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव अया। इसके बाद आरोपी को एक कोविड-19 अस्पताल भेजा गया है। सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले कार जिसमें कुछ लोग अवैध शराब ले जा रहे थे, एक पुलिसकर्मी को टक्कर मारकर फरार हो गई थी, लेकिन लोगों ने वाहन को रोकने में कामयाबी हासिल कर ली। इस कार में सवार तीनों आरोपी जो कि घायल अवस्था में थे, उन्हें को गिरफ्तार कर लिया गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद नेदुमंगद अदालत के मजिस्ट्रेट, जिनके समक्ष आरोपी को पेश किया गया था, एक सर्किल इंस्पेक्टर सहित 34 पुलिसकर्मी, जो वेंजरामुडु पुलिस स्टेशन में ड्यूटी पर थे, जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, एक सरकारी अस्पताल के कुछ कर्मचारी जिन्होंने उसका स्वाब नमूना लिया था और पूजापुरा केंद्रीय जेल के 12 अधिकारियों, इन सभी को क्वारंटाइन किया गया है।
इस बीच, मलयालम फिल्म अभिनेता सूरज वेंजरमूडू और वामनपुरम के विधायक डी के मुरली (सीपीआई) सेल्फ क्वारंटाइन में चले गए हैं। इन्होंने एक समारोह में भाग लिया था जिसमें सर्कल इंस्पेक्टर ने हिस्सा लिया था, जो शराब तस्कर के पॉजिटिव पाए जाने के बाद क्वारंटाइन किए गए हैं। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ जाता है, तो स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार उसे कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होता है। क्वारंटाइन के दौरान संपर्क में आने वाले शख्स का भी कोरोना टेस्ट होता है।