भोपाल. प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो लोग अवैध तरीके से मशीनों के माध्यम से नर्मदा नदी में रेत उत्खनन कर रहे हैं, उन पर नर्मदा की हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने कहा कि नर्मदा हमारी जीवनदायिनी नदी है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मां नर्मदा को एक जीवित इकाई माना गया है तथा ये हमारी श्रद्धा का केन्द्र है। इसलिए मां नर्मदा का प्रत्येक कंकड़ शंकर है। इसलिए कहा जाता है कि नर्मदे हर, जिंदगी भर।
उन्होंने कहा कि नर्मदा से जेसीबी जैसी किसी भी प्रकार की मशीन से उत्खनन किया जाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है तथा समय-समय पर उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) एवं अन्य न्यायालयों ने भी सभी नदियों में मशीनों से उत्खनन करने पर रोक संबंधी आदेश दिए हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि इसलिए मैंने नर्मदापुरम एवं जबलपुर संभागों के 11 जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो लोग अवैध तरीके से मशीनों के माध्यम से नर्मदा की छाती छलनी कर रेत उत्खनन कर रहे हैं, उन पर मां नर्मदा की हत्या का प्रयास का मामला दर्ज कर उसी प्रकार कार्रवाई की जाये, जिस प्रकार से किसी व्यक्ति की हत्या का प्रयास करने में होती है।
उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश के उन जिलों के अधिकारियों को भी शीघ्र पत्र लिखूंगा, जिन जिलों से होकर यह नदी गुजरती है और उनको भी निर्देश दूंगा कि जो लोग अवैध तरीके से मशीनों के माध्यम से नर्मदा में रेत उत्खनन कर रहे हैं, उन पर मां नर्मदा की हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया जाए।
मंत्री कमल पटेल ने बताया कि इसके अलावा, हमने निर्देश दिए हैं कि मशीनों से किए जा रहे उत्खनन को रोकने के लिए उत्खनन स्थलों पर सघन निगरानी रखी जाए तथा जिन रास्तों से होकर रेत का परिवहन किया जाता है उन पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर रखी जाये। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने मई 2017 में नर्मदा को जीवित इकाई घोषित किया था।