नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और अभी तक इसका इलाज नहीं मिल पा रहा है। हर देश वैक्सीन बनाने के प्रयास में जुटा हुआ है। इस बीच इजरायल ने दावा किया है कि उसने वैक्सीन बना ली है और अब वह इसके उत्पादन के बारे में शोध कर रहा है। भारत में इजरायल के राजदूत डॉ. रॉन मलका (Israel ambassador Ron Malka) ने कहा कि अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया लेकिन जैसे ही ये पुख्ता हो जाएगा तो हम इसको दुनिया के साथ साझा करेंगे।
इजरायल के कोरोनावायरस के एंटीबॉडी के क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने के सवाल पर भारत में इजरायल के राजदूत डॉ. रॉन मलका ने कहा कि अभी प्रॉसेस को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन हां इजरायल एक एडवांस स्टेज पर है। इजरायल के राजदूत ने कहा कि निश्चित रूप से हम इसे दुनिया के साथ साझा करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं इस पर ज्यादा जानकारी का इंतज़ार कर रहा हूं। भारत में इजराइल के राजदूत डॉ रॉन मलका कहते हैं कि कोरोना संकट ने भारत और इजराइल को करीब ला दिया है। इस वक्त दोनों देश कोरोनावायरस के बारे में अपनी जानकारी और सुविधाएं एक दूसरे के साथ शेयर कर रहे हैं।
जैविक बम, घातक जहर बनाने वाली इजरायल की सीक्रेट लैब ने बनाया कोरोना वायरस का टीका!
इजरायल में कोविड 19 के बारे में पता लगाने के लिए इस्तेमाल हो रहे एप की सुरक्षा पर उठे विवाद पर राजदूत ने कहा कि हमारे पास कोरानावायरस का पता लगाने, इलाज करने और क्वरंटाइन करने की तकनीक है। इसे लेकर लोगों की मदद और गोपनीयता को संतुलित बैठाने की जरूरत है। ये पूरी प्रकिया न्यायपालिका की निगरानी में हो रही है। इजराइल के लोग यह भी जानते हैं कि यह सीमित अवधि के लिए है।
इजरायल का दावा:-
इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने सोमवार को दावा किया कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। रक्षा मंत्री बेन्नेट ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्यापक पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं।
बेहद गोपनीय लैब:-
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के अंतर्गत चलने वाले बेहद गोपनीय इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रीसर्च के दौरे के बाद बेन्नेट ने यह ऐलान किया। रक्षा मंत्री के मुताबिक यह एंटीबॉडी मोनोक्लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्मा कर देती है।
काम पूरा अब उत्पादन की बारी:-
बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है। डिफेंस इंस्टीट्यूट अब इस टीके को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में है। इसके अगले चरण में शोधकर्ता अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन के लिए संपर्क करेंगे। बेन्नेट ने कहा, 'इस शानदार सफलता पर मुझे इंस्टीट्यूट के स्टाफ पर गर्व है।' रक्षा मंत्री ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि क्या इस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल किया गया है या नहीं।