भोपाल विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस आलाकमान की चेहरे चुनने वाली नई प्रक्रिया ने सारे दावेदारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को क्राइटेरिया बनाएगी।
किसी भी उम्मीदवार का टिकट तय करने के पहले स्क्रीनिंग कमेटी में आपराधिक रिकॉर्ड रखा जाएगा। टिकट के दावेदारों को पेनल में नाम आते ही दर्ज केस का शपथ पत्र पार्टी को देना पड़ेगा। इस क्राइटेरिया के आधार पर ही पार्टी टिकट देने और काटने पर फैसला लेगी।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करने के लिए एडवाइजरी कमेटी से सुझाव मांगे थे। कमेटी प्रमुख विवेक तन्खा ने गाइडलाइन और चुनाव आयोग के आदेश के अध्ययन के बाद एआईसीसी को 5 पेज की रिपोर्ट भेजी है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से सभी प्रदेश प्रदेशों में उम्मीदवारों के पैनल तय करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी को इस बारे में एक-दो दिन में अवगत करा दिया जाएगा।
सभी राज्यों में क्राइटेरिया पर अमल अगली बैठकों से ही शुरू हो जाएगा। भास्कर से चर्चा में विवेक तन्खा ने स्वीकारा कि एआईसीसी को परिपत्र भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के सभी 10 बिन्दुओं पर अपनी राय भेज दी है।
ऐसी कवायद क्यों?
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आपराधिक ब्योरा तीन-तीन बार देना होगा।
अपने क्षेत्र के दो प्रमुख अखबारों और इलेक्ट्रानिक मीडिया में ब्यौरा देना पड़ेगा।
पार्टियों को अपनी वेबसाइट पर आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अपलोड करना होगी।
उम्मीदवारों को किन अखबार और इलेक्ट्रानिक चैनल में जानकारी का प्रकाशन करवाया है, उसका ब्यौरा चुनाव आयोग को भेजना पड़ेगा
