नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 7 दिन के लिए अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा. इस पर 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा. शुक्रवार को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, इस प्रोजेक्ट पर 10 हजार करोड़ का खर्च आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के भाषण में गगनयान का उल्लेख किया था. उन्होंने कहा था कि ये मिशन 2022 में होगा. इसके लिए भारत ने फ्रांस और रूस से एक समझौता किया है.
इसरो के एक अधिकारी ने अंतरिक्ष एजेंसी के चेयरमैन के. सिवन ने कहा था, इसरो 2022 तक पहली बार किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा. “मानव अंतरिक्ष अभियान के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां विकसित की जा रही हैं. हम 2022 तक किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में भेजेंगे.”
इससे पहले नई दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 2022 तक मानव सहित गगनयान अंतरिक्ष में भेजेगा. सिवन ने यहां सात जुलाई को एक समारोह में कहा, “मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां तैनात की जा रही हैं, क्योंकि लोगों को अंतरिक्ष में भेजना भारत का सपना है.”
इसरो चेयरमैन ने हालांकि स्वीकार किया था कि अंतरिक्ष एजेंसी अभी एक मानव अंतरिक्ष यान निर्माण करने के ‘करीब नहीं’ है. सिवन ने कहा, “हम उसके (मानव अंतरिक्ष यान) करीब नहीं हैं. अंतरिक्ष में लोगों को भेजने की दिशा में हमारे सपने को पूरा करने के लिए हमें बहुत काम करने की जरूरत है.”