लखनऊ। हनुमान जी को दलित बताये जाने का मामला अभी चर्चा में ही है कि गुरुवार को उप्र विधान परिषद में धर्मार्थ कार्य मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि हनुमान जी जाट थे। यही नहीं, विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब ने भी बजरंग बली को मुसलमान बताया है। प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देने उठे लक्ष्मी नारायण ने यह टिप्पणी की। वह यहीं नहीं रुके। कहा कि 'जो दूसरों के फटे में अपना पैर फंसा सकता है, वह हनुमान जी हो सकते हैं। हनुमान जी मेरी जाति के थे।' लक्ष्मी नारायण जाट हैं। बाद में शून्यकाल के दौरान सपा के शतरुद्र प्रकाश ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि नवंबर में एक जनप्रतिनिधि ने हनुमान जी को वनवासी, गिरिवासी और दलित आदि कह दिया। बागपत के एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने हनुमान जी को आर्य कहा था। अभी चौधरी लक्ष्मी नारायण ने उन्हें जाट करार दिया। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा सीता जी को टेस्ट ट्यूब बेबी कह चुके हैं। इसका विरोध करते हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि 'सपा के वरिष्ठ सदस्य सदन में गलतबयानी कर रहे हैं। मेरे घर में सीता जी और हनुमान जी का मंदिर है। मैं सुबह और रात को उनकी पूजा करके ही सोता हूं। मुख्यमंत्री भी स्पष्ट कर चुके हैं कि हनुमान जी को लेकर उनके बयान को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया गया।' इस पर सभापति ने शतरुद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब ने भी बजरंग बली को मुसलमान बताया है।गुरुवार को उन्होंने कहा कि बजरंग बली को वह मुसलमान मानते हैं। बोले, 'बजरंग बली की हमारे परिवार और पूर्वजों पर बहुत कृपा रही है। पूर्वजों ने उनके मंदिर भी बनवाए हैं। बजरंग बली से हम लोगों का खास नाता है। इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि मेरा मानना है कि भगवान सभी धर्मों के हैं और उनको एक सांचे में बांधकर नहीं रखा जा सकता।' बुक्कल नवाब समाजवादी पार्टी की ओर से विधान परिषद पहुंचे थे लेकिन उन्होंने इस्तीफा देकर भाजपा का झंडा थाम लिया। इसके बाद भाजपा ने बुक्कल को एलएलसी बनाया।