भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में बढ़े मतदान प्रतिशत का रूझान मतगणना के साथ ही पता चल सकेगा। लेकिन फिर भी इस बढ़े प्रतिशत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित उनके खास सलाहकारों की नींद उड़ा दी है। मुख्यमंत्री भी बढ़े प्रतिशत से बेचैन है। हालांकि बढ़े मतदान प्रतिशत का मतलब सत्ता विरोधी लहर नहीं होता। वैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं इस बार चुनावों में जमकर मेहनत की है। उनके साथ उनके सारथी रहे भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा की मेहनत व मालवा निमाड़ में भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मेहनत को नकारा नहीं जा सकता। दोनों ने राज्य में शिवराज सिंह की सरकार बचाये रखने के लिए जमकर मेहनत की और दिनरात एक कर दिया। कैलाश विजयवर्गीय तो इसी कारण अपने पुत्र आकाश विजयवर्गीय के प्रचार प्रसार व चुनावी ब्यूहरचना पर ध्यान ही नहीं दे पाये थे, उनके सामने पार्टी को सत्ता में बनाये रखना एक बड़ा लक्ष्य था, लेकिन कुल मिलाकर सही परिणाम तो 11 दिसंबर को ही पता चल सकेगा, लेकिन बढ़े मतदान प्रतिशत से मुख्यमंत्री जी जरूर बेचैन हैं।