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Sunday, January 13, 2019

अंतरिम बजट/ आयकर में छूट की सीमा बढ़ सकती है, सरकार बदली तो भी असर नहीं होगा

नई दिल्ली. वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे। चर्चा है कि मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सरकार टैक्स से जुड़ी रियायतें दे सकती है। सैलरीड और पेंशनर्स के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। साथ ही टैक्स छूट पाने के लिए निवेश का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है। 8 लाख तक की आय पर टैक्स माफ हो: कांग्रेस
सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन का बिल इसी हफ्ते संसद में पास हुआ। इसमें 8 लाख तक सालाना आय वालों को गरीब मानकर आर्थिक आधार वाले आरक्षण का पात्र माना गया है। कांग्रेस का कहना है कि अगर आठ लाख तक की आय वाले लोग गरीब हैं तो उनसे आयकर क्यों लिया जा रहा है। 
चुनावी साल में करदाताओं को राहत संभव
चार्टर्ड अकाउंटेंट विवेक जैन का कहना है कि भले ही सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी, लेकिन चुनाव नजदीक होने की वजह से टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है। अगर सरकार बदल भी जाएगी तो टैक्स छूट की सीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि कोई भी सरकार टैक्स छूट का दायरा घटाने का फैसला नहीं लेगी। पहले भी ड्यूटीज घटाने के फैसले अंतरिम बजट में लिए जा चुके हैं। बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट आरके गौतम भी बताते हैं कि सरकार अंतरिम बजट में आयकर से जुड़ी घोषणाएं कर सकती है।

मौजूदा टैक्स स्लैब
सालाना आय टैक्स दर
2.5 लाख रुपए शून्य
2.5 लाख से 5 लाख रुपए 5%
5 लाख से 10 लाख रुपए 20%
10 लाख रुपए से ज्यादा 30%

उद्योगों की मांग- 5 लाख तक की आय टैक्स फ्री हो
उद्योग संगठन सीआईआई ने भी आयकर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की मांग की है। साथ ही बचत को प्रोत्साहन देने के लिए धारा 80सी के तहत डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए करने की अपील की है। अभी यह सीमा 1.5 लाख रुपए है। सीआईआई ने वित्त मंत्रालय को सौंपी बजट पूर्व सिफारिशों में ये सुझाव दिए।
टैक्स स्लैब पर सीआईआई का सुझाव

सालाना आय टैक्स दर
5 लाख रुपए शून्य
5 से 10 लाख रुपए 10%
10 से 20 लाख रुपए 20%
20 लाख रुपए से ज्यादा 25%

लोकसभा चुनाव की वजह से अंतरिम बजट
आम चुनाव के साल में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। यह बजट कुछ महीनों के सरकारी कामकाज चलाने के लिए होता है। नई सरकार बनने के बाद जो बजट पेश किया जाता है, वह बाकी वित्त वर्ष के लिए होता है।

आखिरी बार 2014 में पेश हुआ था अंतरिम बजट
चुनावी वर्ष किसने पेश किया प्रमुख घोषणा
2014 पी. चिदंबरम कैपिटल गुड्स पर एक्साइज ड्यूटी 12% से घटाकर 10% की गई
2009 प्रणब मुखर्जी ग्रामीण रोजगार योजना के लिए 30,100 करोड़ रुपए का आवंटन
2004 जसवंत सिंह किसान क्रेडिट कार्ड, चाय और चीनी उद्योग के लिए विशेष पैकेज