इंदौर : कोरोना वायरस के कहर से लड़ने के लिए डॉक्टर, नर्स, पुलिस ही नहीं बल्कि ये मजदूर महिलाएं भी कर्मवीर योद्धा हैं। जो पहले मजदूरी करती थी, अब काम नहीं मिला, तो कोरोना से लड़ने के लिए शासन के साथ मिलकर हाथ बटाने में जुटी गई हैं। किसी ने सच ही कहा है, किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, जीना इसी का नाम है। कुछ ऐसा ही इंदौर शहर में देखने को मिला...
इंदौर शहर के मुंबई हॉस्पिटल चौराहे के पास स्थित ओमिनी रेसिडेंसी के बाहर लगी महिलाओं की यह भीड़ राशन सामग्री मांगने नहीं आई है। बल्कि यहां इंदौर नगर निगम द्वारा गरीब परिवारों को राशन सामग्री बांटने के लिए बनाए जाने वाले पैकेट तैयार करने आती हैं।
ये महिलाएं खुद गरीब परिवारों से हैं और साल भर मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पालती हैं। नगर निगम के ठेकेदार पप्पू भाटिया के कहने पर यह सभी महिलाएं अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर यहां राशन सामग्री के पैकेट तैयार करने का काम रोज 8- 10 घंटे करती है। उन्हें तो यह भी नहीं मालूम कि उन्हें पैसे कितने मिलेंगे लेकिन गरीबो के घर राशन पहुंचाने की बात है तो वे सहर्ष इस काम को करने को तैयार हो गईं।
इन महिलाओं ने बताया कि अगर वे कोरोना से डरेंगी तो खाएंगी क्या? इसलिए काम करना तो जरूरी है। महिलाओं ने बताया कि उन्हें यहां कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के सारे साधन दिए जाते हैं और वे दूरी बनाकर काम करती हैं । महिलाओं ने बताया कि गरीब परिवारों तक राशन सामग्री जल्दी पहुंच सके इसके लिए यहां सभी महिलाएं पूरी मेहनत से काम कर रही हैं।