Breaking

Saturday, August 24, 2019

VIDEO:- नायब तहसीलदार पर महिला ने लगाया छेडछाड का आरोप मामला संदिग्ध

शिवपुरी। कोलारस विधानसभा क्षेत्र के इंदार थाना अंतर्गत एक आदिवासी महिला द्वारा नायब तहसीलदार पर एसपी ऑफिस में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। जिसमें महिला द्वारा नायब तहसीलदार पर छेडछाड का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ इस प्रकरण को अपने किसी अवैध काम को करने के लिए कुछ लोगों द्वारा नायब तहसीलदार पर दबाब बनाने का षडयंत्र भी बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जरियाई निवासी एक आदिवासी महिला फरियादिया मुन्नी पति महेश आदिवासी थाना इंदार की रहने वाली है वह विगत दिवस जरियाई गांव से पचावली पैदल चल कर अपनी चाची के साथ ककोरा तोडऩे के लिए आई हुई थी उसी समय शिवपुरी कोलारस से जाते हुई रन्नौद के नायब तहसीलदार सत्येंद्र गुर्जर ने मुन्नी बाई को बुरी नियत से पकड़ लिया और खेत में गिरा दिया गया जब महिला चिल्लाई तो मुन्नी की चाची और सुखलाल लोधी ने उसेें आकर बचाया एवं नायब तहसीलदार वहां से भाग गया लेकिन सुखलाल लोधी ने सत्येंद्र गुर्जर को पहचान लिया, महिला का कहना है कि मैं पहले रन्नौद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिये गई लेकिन वहां पर मेरी रिपोर्ट नहीं ली गई इसके बाद में शिवपुरी एसपी ऑफिस में गई लेकिन एसपी साहव नहीं मिले तब जाकर मैंने आवक जावक में आवेदन दिया। इस विषय में जब रन्नौद के नायब तहसीलदार सत्येंद्र सिंह गुर्जर से बात की तो गुर्जर ने बताया कि सजाई गांव के कुछ लोग पिछले कई दिनों से एक बंधक जमीन का बटवारा किए जाने को लेकर मुझ पर दबाव बना रहे हैं और मुझे जो जानकारी मिली है कि वही लोग उक्त महिला को लेकर रन्नौद थाने गए थे और कल एसपी ऑफिस भी वही लोग उक्त महिला को लेकर गए थे। जबकि मैं ऐसी किसी महिला को नहीं जानता हूं।

क्षेत्र में नायब तहसीलदार से जुड़े इस घटनाक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है लोगों का कहना है कि अपना काम निकलवाने के लिए लोग किसी के भी ऊपर झूठा प्रकरण दर्ज कराने का प्रयास करने लगते हैं। ये बहुत गलत है। लेकिन अगर वास्तव में महिला के साथ यह घटना घटित हुई है तो फिर पुलिस अब तक कार्रवाई करने से क्यों बच रही है। क्यों रन्नोद पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं ली। इस घटना से कई सारे प्रश्न खड़े होते हैं कि क्या वास्तव में सत्येंद्र सिंह गुर्जर का चरित्र इस प्रकार का है कि वह किसी राह चलती हुई विधवा महिला को बुरी नीयत से छेड़ दे...? या कुछ ऐसे लोग भी इस समाज में मौजूद है जो भोली भाली आदिवासी महिलाओं का उपयोग कर अपना काम निकलवाने के लिए उनसे झूठी रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। ओर बाद में राजीनामा की शर्त पर काम कराते हैं। इस प्रकरण में जिला पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि वह बारीकी से प्रकरण की जांच करा कर यदि तहसीलदार दोषी हैं तो उनके खिलाफ शीघ्र अति शीघ्र उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। अन्यथा पीड़िता का उपयोग करके अपना काम निकलवाने के लिए कुछ दबंग लोगों ने यह षड्यंत्र सत्येंद्र सिंह गुर्जर पर दबाव बनाने के लिए रचा है तो इसकी जांच करके षड्यंत्र कारियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही किया जाना चाहिये।
वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें:-