शिवपुरी:- महिला से जमीन का मुख्तर नामा लेकर 26 लाख रुपए की जमीन को खुर्द खुर्द करने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस ने आमानत में खयानत का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र के केटीएम कॉलेज के पास स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 65 रखवा 4.774 सर्वे नंबर 64 रकवा 0146 केटीएम कॉलेज के पास थी। मार्च 2013 में आरोपी प्रताप पुत्र रणवीर चौहान द्वारा जमीन को बिकवा ने के बहाने गरीब अनपढ़ महिला श्रीमति उषा पत्नी कोमल सिंह कुशवाह से मुख्तारनामा लेकर जमीन की देखरेख करने और अच्छे दामों में बिकवाने का भरोसा दिलाया।लेकिन आरोपी देवी प्रताप सिंह चौहान पुत्र रणवीर सिंह चौहान निवासी महावीर नगर शिवपुरी द्वारा जमीनों को एक-एक कर जमीन को प्लाटों में 26 लाख से अधिक रुपए में बेच दी गई ।और प्रार्थी को गुमराह किया कि आप की जमीन पर अभी मुझे कोई भी ग्राहक नहीं मिले हैं। ना ही उसकी बिक्री हुई है। इसके बाद महिला घर पर चुपचाप बैठी रही। 1 साल बाद जब उस महिला की जमीन पर मकान बनना शुरू हुए तो महिला ने उन लोगों से पूछा कि आप हमारी जमीन पर मकान क्यों बना रहे हो तब मकान बनाने लोगों ने बताया कि यह जमीन उन्होंने देवी प्रताप सिंह चौहान पुत्र रणवीर सिंह चौहान क्रय की गई है ।इसके बाद प्रार्थीया उषा कुशवाहा ने रजिस्टार कार्यालय पहुंचकर जमीन की रजिस्ट्री निकलवाई तो महिला के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और महिला रोते गिड़गिड़ाते हुए आरोपी के घर पहुंची कहा कि मेरी जमीन तुमने कैसे बेच दी। मैंने तो तुम्हे जमीन देखभाल के लिए दी थी। अगर बेच ही दी है तो मुझे उसके पैसे तो दे दो ।लेकिन आरोपी द्वारा महिला को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि मेरे पास कोई पैसा नहीं है तुझे जो करना है ।वह कर ले ।मैं कोई पैसा नहीं दूंगा इसके बाद उषा कुशवाह ने पुलिस थाना कोतवाली में शिकायत की। जिसमें पुलिस ने जांच उपरांत महिला के आवेदन पर आरोपी देवी प्रताप सिंह के खिलाफ 26 लाख रुपए की अमानत में खयानत करने की धारा 406, जान से मारने की धमकी की धारा 506 के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है ।साथ ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास तेज कर दी है।
यहाँ बताना उचित होगा कि यह सारा खेल शिवपुरी जिले के एक बहुत बड़े भूमाफिया के इशारे पर हुआ है। गरीब महिला की ढाई करोड़ की जमीन को बिना उसकी अनुमति के बाला बाला बेचना बड़ा अपराध बनता है।फरियादिया ओर उसके परिजनों का कहना था कि पुलिस ने धोखाधड़ी का केस भी नही लगाया है। जो कि नियमानुसार इस प्रकरण में धोखाधड़ी की धारा 420 एवं दस्तावेजों में हेरफेर की धारा 467एवं 468 भी लगयीं जानी चाहिए थीं ।मगर पुलिस ने उक्त धाराएं क्यो नही लगयीं ये सोच का विषय है।