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Wednesday, October 16, 2019

प्रदेश के नम्बर 1 अस्पताल के सिविल सर्जन सहित 5 सस्पैंड: शव की आंखो में चींटिया लगने का मामला

शिवपुरी। मानवता को शर्मसार करने वाली खबर आ रही हैं। जिस पेशे को भगवान का दर्जा दिया जाता हैं आज फिर वह शर्मसार हो गया। एक मरीज के मौत के बाद उसके शव की सुध नही ली तो उसकी आंखो में चींटियां लग गई। इस मामले को शिवपुरी की मिडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
अब खबर आ रही हैं कि इस शव की सुध नही लेने के मामले में कलेक्टर ने तत्काल सिर्विज सर्जन सहित 1 डॉक्टर और 3 नर्सो को सस्पैंड कर दिया। इस मामले के प्रकाशन में आने के बाद सीएम के ट्वीट के बाद यह कार्रवाई हुई हैं।
जैसा कि विदित हैं कि जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीज बालचंद लोधी की मौत के बाद शव पर चीटियां रेंगने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आज सुबह घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हरकत में आए और जिला कांग्रेस की एक टीम को जिला अस्पताल में भेजा।
आनन-फानन में सीएमएचओ को बुलाया गया। ड्यूटी पर उस दौरान तैनात डॉक्टर दिनेश राजपूत को भी बुलाया गया। इस दौरान जब मीडिया और कांग्रेसजनों के समक्ष सीएमएचओ ने पूछा कि क्या उन्होंने मरीज को देखकर मृत घोषित किया था। तो राजपूत ने कहा कि उन्होंने दूर से ही देखकर उसे मृत घोषित कर दिया था।
ये सुनते ही कांग्रेसी बरस पड़े और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और साफ कर दिया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो अपनी ही सरकार के खिलाफ अस्पताल में धरना देंगे। ये सुनकर सीएमएचओ भी तुनक कर बोले धरने की जरूरत नही, मैं इस्तीफा देता हूं।
प्रभारी मंत्री प्रदुयम्न सिंह तोमर ने भी इस घटना पर दुख जताया है और आयुक्त, कलेक्टर से दोषियों के खिलाफ आज शाम तक कड़ी कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना से आहत हैं। उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को निर्देश दिए हैं कि वो इस मामले की फौरन जांच कराएं और जो डॉक्टर या कर्मचारी इसका जिम्मेदार है। 
उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर अनुग्रह पी अस्पताल पहुंचीं और उस वार्ड का निरीक्षण किया। जहां मरीज भर्ती था। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में डॉक्टों से बंद कमरे में काफी देर बात की। इसके बाद कलेक्टर अनु्ग्रह पी ने सिविज सर्जन पीके खरे,डॉक्टर दिनेश राजपूत नर्स प्रियंका,रेवती और अल्का को तत्काल प्रभाव से निलबिंत कर जांच के आदेश दिए। इस मामले की जांच डिप्टी कलेक्टर मुकेश सिंह को सौपी हैं।
ये है पूरा मामला:-
शहर की फक्कड़ कॉलोनी में रहने वाले बालचंद्र लोधी (50) पुत्र रूपसिंह लोधी को इलाज के लिए दो दिन पहले जिला अस्पताल के मेडीकल वार्ड में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि वह क्षय रोग से पीड़ित था। इलाज के दौरान सुबह 6 बजे उसकी मौत हो गई, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने सुध नहीं ली तब आसपास के मरीजों ने 8 बजे अस्पताल के स्टाफ को जानकारी दी।
बावजूद इसके ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर दिनेश राजपूत सहित वार्ड ब्वॉय और नर्सों ने कोई ध्यान नहीं दिया। शव पांच घंटे तक पलंग पर पड़े रहने के कारण मरीज की आंख पर चीटियां रेंगती दिखाई देने लगीं।
मरीजों ने ही पत्नी रामश्री को बुलाया:-
अस्पताल प्रबंधन किस कदर लापरवाह है, इसकी बानगी इस बात से मिलती है कि न सिर्फ स्टाफ को मरीजों ने सूचना दी, बल्कि 11 बजे तक जब कोई मृतक बालचंद की सुध नहीं लेने आया तो मरीजों ने ही उसकी पत्नी रामश्री लोधी को बुलाया।
रोते-रोते रामश्री ने पल्लू से हटाईं चीटियां:-
जैसे ही रामश्री सूचना मिलने के बाद अस्पताल आई वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसने अपने पति की आंख पर चीटियां देखी तो अवाक रह गई। मौके पर मौजूद मरीजों के मुताबिक ऐसे में रामश्री ने ही पल्लू से चीटियां आंख से हटाईं। बाद में अपने पति के शव को जैसे-तैसे मरीजों के सहयोग से ही अस्पताल से लेकर गई।