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Tuesday, October 15, 2019

खरई चैक पोस्ट कटरों ओर गुंडों के हवाले, नहीं रुक रहीं अवैध वसूली, प्रभारी की मिलीभगत से अवैध वसूली का खेल

शिवपुरी। खरई बैरियर पर अवैध बसूली का खेल आज भी जारी है यह देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह बैरियर परिवहन विभाग ने प्राईवेट रूप से ठेके पर दे दिया है। जिसके चलते खरई में एकीकृत जाँच चोकी को पिछले लंबे समय से गुण्डा तत्वों जिनको कटर के नाम से जाना जाता है ने अघोषित रूप से कब्जा रखा है। यहां अवैध वसूली के लिए रखे प्राईवेट गुडो कटरों द्वारा वाहन चालकों को कार्यवाही का झूठा डर दिखाकर कागजो को जप्त करने कि धमकी देकर अवैध वसूली कि जा रही है। उक्त अवैध वसूली से न केवल सरकार के राजस्व को हानी पहुंच रही है। बल्कि बैरियर पर लूटपाट का माहौल निर्मित हो रहा है।
खरई चैक पोस्ट प्रभारी राजनेतिक रसूख के चलते बाहरी गुंडो द्वारा चैक पोस्ट पर हाईवे नंबर 27 से निकलने वाले वाहनो से खुलेआम अवैध वसूली करवा रहे है। जिससे हर माह मिलीभगत करने वाले जिम्मेदार अधिकारीयो को लाखो की काली कमाई हो रही है।
कर्मचारियों की भी मिलीभगत:-
इस गोरखधंधे में आरटीओ, वाणिज्यकर, मण्डी और वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत जगजाहीर है। जो प्राईवेट गुंडो कि मदद से खुलेआम अधिकारियो के संरक्षण में सरगने के रूप में चैक पोस्ट पर कब्जा जमाकर अवैध वसूली का खेल चला रहे है। सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आरटीओ चैक पोस्ट से होने वाही काली कमाई का बटौना जिले से लेकर प्रदेश तक वितरण किया जा रहा है। जिससे सरकार को हर माह लाखो कि राजस्व हानी हो रही है।
हमेशा विवादो में रहा है चैक पोस्ट:-
खरई वैरियर पर होने वाली अवैध वसूली का काला खेल हमेशा से विवादित रहा है। अवैध वसूली के कारण एक युवक ने कुंए में गिरकर अपनी जान गवांई थी जिसमें खरई बैरियर के पूर्व प्रभारी शशि भारद्वाज पर आत्महत्या उत्प्रेरण का मामला भी दर्ज हो चुका है। इसके बाद खरई बैरियर पूर्व प्रभारी शशि भरद्वाज ने अपने पूत्र को चैक पोस्ट पर प्राईवेट प्रभारी बना रखा था जिससे उनके पत्र ने चैक पोस्ट से लाखो के बारे न्यारे किये थे। 
इस पूरे खेल में स्थानीय गुण्डों और परिवहन विभाग कि भूमिका संदिग्ध:-
विदित हो कि इस एकीकृत जाँच चोंकी से होकर अंतर्राज्जीय वाहन गुजरते हैं यह मार्ग राजस्थान को जाता है। इस पर से गुजरने वाले वाहनों की चैकिंग फॉरेस्ट, परिवहन, मण्डी और वाणिज्यकर विभाग के द्वारा की जाती है। लोड चैकिंग भी यहीं होती है मगर इन वाहनों से सुविधा शुल्क लेकर वाहनों को एकीकृत सीमा जाँच चोकी पर केन्द्रीय मार्ग से निकाला जाकर इस तमाम जाँच से परे कर दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो इस सेन्ट्रल मार्ग से निकासी के एवज में ओवरलोड ट्रक, ट्रॉला से 20 से 25 हजार रुपए प्रति वाहन वसूले जाते हैं। इस कारोबार को राजस्थान और म.प्र. के माफिया तत्वों से मिलकर शिवपुरी के कुछ स्थानीय गुण्डे संचालित करा रहे थे।