भोपाल। अभी तक सिविलियन में पति-पत्नी के झगड़े सामने आते रहे हैं। फैमिली कोर्ट में एक आर्मी अधिकारी का पारिवारिक विवाद का मामला पहुंचा, जिसमें पत्नी ने आरोप लगाया कि पति ने अपने घर से निकलने के लिए विवश कर दिया। उसने अपने आर्मी कार्यालय में लिखकर दे दिया था कि पत्नी के साथ नहीं रह सकता। जिसकी वजह से आर्मी कार्यालय ने उसे 24 घंटे में घर छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया।
इस तरह घर से निकाले जाने पर उसे बेज्जइती महसूस हुई है। वहीं पति का आरोप था कि उसकी पत्नी ने इतना प्रताड़ित किया कि वह ठीक से ड्यूटी नहीं कर पा रहा था। इससे उसकी परफाॅर्मेंस में अंतर आ रहा था, इसलिए उसे अपने कार्यालय में लिखकर देना पड़ा। पति ने कोर्ट को बताया कि वह किसी भी हालत में पत्नी के साथ नहीं रह सकता। मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
फैमिली कोर्ट में तलाक का प्रकरण:-
आर्मी अधिकारी ने फैमिली कोर्ट में तलाक का प्रकरण लगाया है। इस मामले में कोर्ट ने पति और पत्नी की काउंसलिंग कराई। कोर्ट की काउंसलर नुरुनिसा खान ने बताया कि दोनों की शादी 10 साल पहले हुई थी। शादी के दो साल बाद उनके यहां बेटे ने जन्म लिया। इसके बाद दोनों की बीच झगड़े शुरू हो गए। पति ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि जैसे जैसे बेटा बड़ा होता जा रहा था, पत्नी की लाइफ स्टाइल बदलती जा रही थी। वह शराब इतनी पी लेती है कि उसे अच्छे-बुरे का भाव खत्म हो जाता है। वह उसके परिजनों के साथ बुरा व्यवहार करती है। मां-पिता से बात कर लो तो पूरा दिन और रात खराब हो जाती थी। पत्नी के व्यवहार की वजह से उसकी ड्यूटी इफेक्ट होने लगी। आखिरकार उन्हें अपनी वरिष्ठों को लिखकर देना पड़ा कि वह पत्नी के साथ नहीं रह सकता।
पति करते हैं मारपीट:-
पत्नी ने बताया कि पति उसके साथ मारपीट करते हंै। वह बेटे की वजह से चुप है। वह अपना घर नहीं बिगड़ना चाहती है। उसे तलाक नहीं चाहिए। उसने काउंसलर को बताया कि पति ने उसे घर से अपमानित करके निकाला इसके बावजूद वह बेटे की खातिर पति के साथ रहने को तैयार है। काउंसलर खान ने बताया कि दोनों की काउंसलिंग की रिपोर्ट उन्होंने कोर्ट को दे दी है। चूंकि महिला पति के साथ रहना चाहती है, इसलिए प्रकरण में समझौते की गुंजाइश है। उनका कहना है कि कोर्ट मामले में दूसरी काउंसलिंग का प्रयास कर रहा है।