बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां थाने में एक आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत हो गई है. पुलिस थाने में मौत होने के कारण मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस घटना से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है. वहीं, इस घटना से पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फुल गए हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि जमीनी विवाद के मामले में स्थानीय थाना पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया था. इसके बाद तीनों को पुलिस थाने के अंदर रखा गया था. इसी दौरान आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत हो गई. मृतक आरटीआई कार्यकर्ता की पहचान जगदीश के रूप में हुई है.
जानकारी के मुताबिक, मामला पचपदरा थाना स्थित जानियाना गांव का है. आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद नाहटा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए और तुरंत प्रभाव से पचपदरा थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं, परिवार की ओर से एसएचओ सहित कई पुलिसकर्मियों के साथ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया गया है. अब न्यायिक मजिस्ट्रेट पूरे मामले की जांच करेंगे.
लापरवाही के चलते हुई जगदीश की मौत:-
बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि परिवार की ओर से यह आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस की लापरवाही के चलते जगदीश की मौत हुई है. ऐसे में हमने पचपदरा एसएचओ सहित पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं, पूरे मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा को सौंप दी गई है. मजिस्ट्रेट की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. शरद चौधरी ने बताया कि कल जमीन विवाद के मामले में तीन लोगों को धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया था. इनमें से दो लोगों को तहसीलदार के सामने पेश कर जमानत दे दी गई, जबकि जगदीश की तबीयत खराब होने के कारण उसे नाहटा अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।