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Wednesday, December 4, 2019

सर्राफा व्यापारी से सोना लूटने वाले पुलिसवालों पर मामला दर्ज, दरोगा फरार 2 सिपाही गिरफ्तार

मंदसौर/(मध्यप्रदेश)। खाकी को दागदार करने वाले पुलिसकर्मियों पर ईमानदार एसपी हितेश चौधरी ने प्रकरण दर्ज कर सलाखों के पीछे डाल दिया है। कई सालों से कभी किसानों के साथ तो कभी व्यापारियों के साथ ये पुलिसकर्मी लूटखसौट और अवैध वसूली कर रह रहे थे। आखिरकार ये मंदसौर एसपी के सामने बच नहीं सके। रतलाम के सर्राफा व्यापारी उमराव मूणत के साथ 111 ग्राम सोना लूटने की वारदात लुटेरे पुलिस वालों को महंगी पड गई। मास्टर माईंड सब इंसपेक्टर गोपाल गुणावत फरार हो गया है, जिसकी तलाश जारी है। वहीं फरार आरोपी सब इंसपेक्टर को संरक्षण देने वालों पर भी पुलिस वॉच कर रही है। डिटेक्ट होने के बाद संरक्षणदाता भी नपेंगे।
बीते बुधवार को रतलाम के सर्राफा व्यापारी पूणत के साथ लूट की वारदात हुई थी। मंदसौर स्टेशन के बाहर खडे व्यापारी को बाईक पर बैठाकर ले गए और फोरलेन पर जाकर सोने के आभूषण लूट लिए थे। पीडित व्यापारी को सिटी कोतवाली से भगा दिया गया था और प्रकरण दर्ज नहीं किया। यह मामला मीडिया में उछला और ईमानदार एसपी हितेश चौधरी ने मामले को संज्ञान में लिया। सब इंसपेक्टर लूटमार में खिलाडी है, वह कई बार पहले बच निकला, लेकिन एसपी की पारदर्शिता वाली कार्रवाई से बच नहीं सका। बारीकी से पूरे मामले की जांच पडताल की और पीडित व्यापारी के बयान दर्ज किए गए और सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। कुछ ही दिन में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। इस मामले को निचले स्तर पर आरोपी गुणावत और उसके साथी गांधीजी के चक्कर में दबाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनके लुटेरे मंसूबे पर पानी फिर गया। इस मामले में आरक्षक युवराज को सरकारी गवाह बनाया गया। पूरी कहानी युवराज ने अफसरों को बताई। आरक्षक गौरवसिंह और धमेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार कर कल मंगलवार को कोर्ट पेश किया गया, जहां से एक दिन की रिमांड पर भेजा गया है। दोनों आरोपी आरक्षकों से पूछताछ जारी है और लूटा गया सोना की बरामदगी के प्रयास जारी है।
पूछताछ में कई लूटमार के मामले आएंगे सामने:-
सूत्रों ने बताया कि एसआई और आरक्षक की जोडी मंदसौर जिले में कई सालों से सक्रिय थी। आरक्षक गौरवसिंह पहले नारकोटिक्स विंग में रहा था। तस्करों से तगडा गठजोड उसका रहा है, कई किसानों से लूटमार और अवैध वसूली की गई। अगर सख्ती से इन आरोपियों से पूछताछ हो तो कई मामले नीमच और मंदसौर जिले में सामने आएंगे, जिनमें लाखों की अवैध वसूूली और लूट की गई है।
एसआई का शाजापुर हो गया था स्थानांतरण:-
कुछ माह पहले आरोपी एसआई गुणावत का स्थानांतरण मंदसौर से शाजापुर हो गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि उसने गांधीजी को देकर स्थानांतरण रूकवाया। मंदसौर जिले में यह कई सालों से पदस्थ था। एक तरह से उसके मुंह में खून लग गया था और किसानों और व्यापारियों को शिकार बनाता था, लेकिन अति का अंत एक दिन होता है, वह सो हो गया।
गुणावत को बचाने में सक्रिय थी तस्करों की लॉबी:-
बताया जा रहा है कि कुछेक पुलिसकर्मी और तस्करों की लॉबी गुणावत को बचाने के लिए सक्रिय थी। जैसे ही मामला ओपन हुआ तो गुणावत दो दिन की छुटटी लेकर मामले को सेट करने के लिए चला गया, लेकिन ईमानदार एसपी की नजरों से इसके कारनामें नहीं बच सके और लूटमार की कहानी का द ऐंड हो गया।