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Friday, December 6, 2019

कल से खुलेंगे रेत खदानों के प्रस्ताव, छह माह बाद शुरू होगा रेत उत्खनन, ठेकेदार को खुद लेना होगी पर्यावरणीय और उत्खनन की अनुमति

भोपाल। रेत खदानों के वित्तीय प्रस्ताव शनिवार से खोले जाएंगे। इसके बाद 43 जिलों में खदानों के आवंटन का सिलसिला शुरू होगा। खनिज साधन विभाग ने 15 दिसंबर तक नीलामी प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य तय किया है। फिलहाल विभाग तकनीकी प्रस्तावों का परीक्षण कर रहा है। यह प्रस्ताव भी संभाग स्तर पर खोले जा रहे हैं।
नई रेत नीति के तहत 43 जिलों की खदानों को जिला स्तर पर क्लस्टर में बांटकर नीलामी की जा रही है। विभाग ने 26 नवंबर तक निविदाएं ली हैं। इस दौरान 247 निविदाएं आई हैं। इनके तकनीकी प्रस्तावों का परीक्षण चल रहा है। विभाग शनिवार से वित्तीय प्रस्ताव खोलेगा और जिस ठेकेदार ने ज्यादा बोली लगाई होगी, उसे खदान आवंटित कर दी जाएगी। इसके बाद ठेकेदार खुद पर्यावरणीय और उत्खनन की अनुमति लेगा।
इसमें छह माह का समय लगने की संभावना है। ऐसे में अगली बारिश (जून-जुलाई 2020) से पहले खदानों में उत्खनन शुरू होने की उम्मीद नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो निर्माण कार्यों के लिए लोगों को महंगी रेत खरीदनी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि नीलामी के लिए बुलाई निविदा से विभाग को सुरक्षा निधि के रूप में 614 करोड़ रुपए मिले हैं।
पांच जिलों के लिए फिर से बुलाई जाएंगी निविदा:-
विभाग शाजापुर, आगर-मालवा, गुना, उज्जैन और शहडोल जिलों की रेत खदानों के लिए फिर से निविदा बुलाने की तैयारी कर रहा है। इनमें से शाजापुर और आगर-मालवा जिलों की खदानों के लिए किसी भी ठेकेदार ने निविदा नहीं डाली है। जबकि गुना, उज्जैन और शहडोल जिलों के लिए एक-एक निविदाएं आई हैं। रेत नीति के मुताबिक दो से कम निविदा आने पर संबंधित खदानों के लिए दोबारा निविदा बुलाई जाएंगी।
नेटवर्थ की प्रमाणिकता सिद्ध करना होगी:-
नई रेत नीति में प्रत्येक कलस्टर के लिए आरक्षित मूल्य की 25 फीसदी राशि सुरक्षा निधि के रूप में अग्रिम जमा कराने का प्रावधान है। वहीं 10 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य वाले जिलों को अतिरिक्त रूप से अपनी नेटवर्थ की प्रमाणिकता भी सिद्ध करना होगी।