मुजफ्फरनगर। स्वीटी, गेहुएं रंग और सुंदर नैन-नक्श वाली एक युवती जो परिवार का खिलौना थी। उसकी खिलखिलाहट से पूरा घर चहकता था। स्वीटी बीएड कर चुकी थी। उसका टीचर बनने का सपना था। मां के जिगर का टुकड़ा थी। पांच बेटियों में वह सबसे छोटी थी...
स्वीटी 22 अप्रैल को दवा लेने के लिए घर से निकली तभी मोड़ पर अमित नामक सिरफिरे युवक ने दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी। उसने स्वीटी को चार गोलियां मारीं लेकिन गांव के किसी भी व्यक्ति ने उसे नहीं रोका। वह गोलियां दागता रहा। स्वीटी की मां फफकते हुए कहती हैं, सारा गांव पत्थर का बन गया था क्या। किसी ने मेरी बेटी को नहीं बचाया।सचमुच कितना बड़ा सवाल है मां का। पत्थर का ही तो बन गया था गांव जो बेटी की मौत का तमाशा देखता रहा। उसके जाने के बाद उसके चरित्र को उधेड़ता रहा। दूसरी तरफ वह परिवार है जिसके आंसू नहीं सूखे। जब स्वीटी की बात करते हैं तो मां की आंखें बरसती हैं।
यह दर्दनाक दास्तां मुजफ्फरनगर के बहुपुरा गांव निवासी स्वीटी की है। 22 वर्षीय युवती घर में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी थी। वह आत्मनिर्भर बनना चाहती थी। यूपीटेक की परीक्षा भी दे चुकी थी।बेटी को याद कर मां सुमन बिलखती हैं। बड़ी बहन संतोष की आंखें भी भीग जाती हैं। कहती हैं, उसे फांसी की सजा होनी चाहिए जिसने मुझसे मेरा खिलौना छीन लिया। मेरी बहुत लाड़ली थी। गांव में किसी ने उस लड़के को नहीं रोका।
स्वीटी की बहन संतोष बताती है, अमित का घर में आना-जाना था। घटना से दो दिन पहले स्वीटी ने बताया कि अमित उसे ब्लैकमेल कर रहा है। उसने बहन के साथ मारपीट भी की थी। अगर उसकी कोई गलती थी तो एक बार हमसे कहता। जान क्यों ली। समाज के बोल:-
वह शराब-सिगरेट सब पीती थी। मां-बाप का उस पर कोई कंट्रोल नहीं था। अमित तो शरीफ लड़का था। रोज उसके साथ घूमती थी। उस दिन भी उसने बाइक पर बैठने को कहा। उसने मना कर दिया। इतने में ही गोली मार दी। प्रेम प्रसंग का मामला था। (घटना के सवाल पर गांव के बड़े-बुजुर्गों का यह कहना था ) 22 अप्रैल 2019 को हुई इस घटना का आरोपी जेल में है।
तेजाब के छींटे, फिर समझौता:-
शामली के कांधला, कैराना बाईपास निवासी चार बहनें 3 अप्रैल 2013 को कॉलेज से लौट रही थीं। तभी बाइक सवार तीन सिरफिरों ने उनके ऊपर तेजाब फेंक दिया। इस हमले की पीड़िताओं पर तेजाब के छींटे पड़े थे। पुलिस ने अज्ञात में मामला दर्ज किया। आरोपी रिश्तेदार निकले। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। पीड़ित बहनों के घर पर जाकर संपर्क किया लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया।