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Saturday, December 7, 2019

महिला CMO के खिलाफ EOW ने किया कोर्ट में चालान पेश, 20 लाख का किया था घोटाला, अरोपिया फरार

मंदसौर/मंडला/नीमच। मंदसौर में पदस्थ सीएमओ सविता प्रधान ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड दिया है। सरकार के नियमों को खूंटी पर टांगकर काम करने वाली सीएमओ सविता प्रधान के खिलाफ इओडब्ल्यू जबलपुर ने भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। 20 लाख रूपए का घोटाला सीएमओ ने मंडला में किया है। इधर सीएमओ फरार हो गई है। मंडला में अग्रिम जमानत की याचिका निरस्त हो गई, अब सीएमओ ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई है। एमपी में यह पहला ऐसा मामला है, जहां पर कोर्ट में चालान पेश होने के बाद भी आरोपी सीएमओ कुर्सी पर बरकरार है, बताया जा रहा है कि सीएमओ पर भोपाल में बैठे कुछेक अफसर मेहरबान है। अब देखना है कि भ्रष्ट सीएमओ कमलनाथ सरकार में कैसे टिकती है, सीएमओ ने बीजेपी सरकार के राज में बहुत कारनामें किए है। जिनकी पोल अब खुल रही है।
सीएमओ सविता प्रधान जब मंडला में सीएमओ थी, तब एक पर्टिकूलर फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए गलत तरीके से निविदा जारी की। करीब 20 लाख रूपए का घपला किया और आर्थिक लाभ प्राप्त  किया। इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में शिकायकर्ता अनिल जैन ने की। आर्थिक ब्यूरो ने अपराध क्रमांक 25—13 दर्ज किया और सीएमओ सविता प्रधान पर भादसं की धारा 420, 467, 468, 409, 13  वन, डी भ्रष्टाचार निवारण और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया। क्योंकि शासकीय पद पर होने के कारण अभियोजन स्वीकृति के लिए ईओडब्ल्यू ने शासन को फाईल भेजी गई, पर सीएमओ सविता प्रधान अपने रसूख के दम पर अभियोजन स्वीकृति के लिए भेजी गई फाईल दबाती रही, पर कोर्ट ने गंभीर आर्थिक अपराध माना और स्वयं ही इस मामले में संज्ञान लिया और अभियोजन स्वीकृति के बिना ही मामले में एक्शन लिया और कोर्ट में चालान पेश हुआ और मंडला कोर्ट ने सीएमओ के खिलाफ वारंट जारी किया गया। सीएमओ सविता प्रधान ने भ्रष्टाचार निवाराण विशेष न्यायाधीश आशीष कुमार मिश्रा  के यहां अग्रिम जमानत आवेदन क्रमांक 370—2019 पेश किया गया, जिस पर 28 नवंबर 2019 को माननीय न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त  कर दिया। अब सीएमओ ने जबलपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका क्रमांक 51469 लगाई है। कोर्ट में चालान पेश होने के बाद आरोपी अफसर को सरकार को तुरंत हटा देना चाहिए था। एमपी के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि भ्रष्ट आरोपी सीएमओ अभी भी कुर्सी पर है
ईओडब्ल्यू में केस, फिर भी दे दिया प्रमोशन कुछ साल पहले सीएमओ सविता प्रधान का प्रमोशन हुआ। जबकि उस समय ईओडब्ल्यू में जांच चल रही थी, किसी भी अधिकारी को इस स्थिति में प्रमोशन नहीं दिया जा सकता, लेकिन बीजेपी सरकार में जुगाडमेंट के जरिए सीएमओ ने प्रमोशन हथिया लिया और क्लास वन अधिकारी बन बैठी, अब कोर्ट में चालान पेश और गिरफ्तार वारंट भी जारी हो गया है, सीएमओ अभी फरार है। लेकिन कानून के हाथ लंबे है, कब तक सीएमओ बचेगी। इधर कोर्ट ने सीएमओ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
इनका कहना है:- 
भ्रष्ट सीएमओ को नहीं छोडूंगा मंडला में सीएमओ पद पर रहते हुए सविता प्रधान ने लाखों रूपए का खरीदी में घपला किया है, मैंने इसकी शिकायत की थी।  कोर्ट में चालान पेश हो गया है। सीएमओ सविता प्रधान को मैं सजा दिलाकर रहूंगा। 
-अनिल जैन, शिकायतकर्ता- 
मंडला सीएमओ के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करने से पहले शासकीय अधिकारी होने के कारण हमने अभियोजन स्वीकृति के लिए शासन को भेजा था, किन्तु कई साल तक स्वीकृति नहीं मिली, माननीय कोर्ट ने स्वयं मामले में संज्ञान लिया और 120 बी का भी सीएमओ को आरोपी बनाया गया है। सीएमओ ने मंडला कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, जो खारिज हो गई है।
-स्वर्णसिंह, इंसपेक्टर, इओडब्ल्यू जबलपुर-