भोपाल. मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश के बाद माफियाओं के खिलाफ शिकंजा जारी है. अब ईओडब्ल्यू (EOW) ने रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति के संचालन मंडल पर एफआईआर दर्ज की है. ईओडब्ल्यू ने इस मामले में भू माफिया और खुद को बीजेपी नेता बताने वाले घनश्याम सिंह राजपूत सहित कई लोगों को आरोपी बनाया है. सहकारिता विभाग ने कांग्रेस सरकार आने के बाद जून में ही ईओडब्लयू को पत्र लिखकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी.
22.70 करोड़ रुपए की गड़बड़ी:-
सहकारिता विभाग के पत्र के बाद ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी जांच दर्ज कर मामले की जांच की तो यह सिद्ध हुआ कि संस्था के सदस्यों से भूखंड के नाम पर बड़ी राशि ड्राफ्ट के जरिए लेकर संस्था के खाते से अवैध रूप से निकाल ली गई. कुल 22.70 करोड़ रुपए की राशि खुर्दबुर्द की गई. इस गड़बड़ी को छुपाने के लिए संस्था के संचालक मंडल ने अभिलेख/दस्तावेज वकील एवं लेखापाल की मदद से गायब कर दिए. इनके खिलाफ हुई एफआईआर में ईओडब्ल्यू ने 2005 के बाद के समस्त संचालक मंडल सदस्यों को आरोपी बनाया है. ये वही गृह निर्माण सोसायटी है, जिसमें पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के परिवार पर कांग्रेस ने गड़बड़ी के आरोप लगाए थे.
एफआईआर में इन्हें बनाया आरोपी:-
इस एफआईआर में तुलसीराम चंद्राकर, मो. आय्यूब खान, घनश्याम सिंह राजपूत, श्रीकांत सिंह, केएस ठाकुर, एलएस राजपूत, बसंत जोशी, सुरेंद्रा, ज्योति तारण, अमरनाथ मिश्रा, अनिल कुमार, रेवत सहारे, अमित ठाकुर, एमडी सालोडकर, गिरीशचन्द्र कांडपाल, अरूण भागोलीवाल, बाल किशन निवावे, सीएस वर्मा, सविता जोशी, सुशीला पुरोहित, राम बहादुर, कुमार सीमा सिंह, वकील सुशील चौबे, लेखापाल राकेश प्रताप एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है. इनके खिलाफ धारा 420, 406, 120-बी, 467, 468, 471 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.