नई दिल्ली। आईएएस अधिकारियों के संघर्ष से सफलता की दास्तां सुनते हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसी लड़की की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसको महज 2 साल की उम्र में पोलियो हो गया था. इसके बाद वो कोमा में चली गई. डेढ़ साल तक कोमा से लड़ने के बाद बड़ी मुश्किल से स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद जैसे ही उन्होंने ठाना कि उन्हें IAS की तैयारी करनी है. उसके बाद तो उनके घर वालों ने समझ लिया था कि उन पर कोई भूत चढ़ गया है. ऐसी स्थिति में उन्होंने कैसे की तैयारी और कैसे बनीं IRS ऑफिसर, आइए जानते हैं.
सारिका का जन्म उड़ीसा के एक छोटे से कस्बे काटावांझी में एक संयुक्त परिवार में हुआ था. 2 साल की उम्र में उन्हें पोलियो हो गया था. सारिका के माता- पिता को तो उस ये भी मालूम नहीं था कि पोलियो आखिर होता क्या है. मम्मी-पापा जब सारिका को डॉक्टर के पास ले गए तो उस वक्त डॉक्टर को भी ये महूसस हुआ कि उन्हें शायद मलेरिया हो गया है. इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन दे दिया. इंजेक्शन के बाद उनके 50 पर्सेंट शरीर ने काम करना बंद कर दिया था.वे कोमा में चली गई थींं.
डेढ़ साल तक रही कोमा:-
सारिका डेढ़ साल तक कोमा की स्थिति में बिस्तर पर रही. वो वक्त मेरे परिवार के लिए बहुत कठिन था, लेकिन माता-पिता ने हार नहीं मानी.लाख जतन के बाद आखिरकार 4 साल की उम्र में मैंने चलना शुरू किया.
बच्चे मारते थे पत्थर:-
सारिका अब ठीक तो हो गई थीं लेकिन उनको स्कूल में दाखिला मिलना मुश्किल हो गया था. कोई भी स्कूल उनको उपने यहां एडमिशन नहीं देना चाहते थे. बड़ी मुश्किल से मुझे एक स्कूल में दाखिला मिल भी गया तो बच्चे चिढ़ाते थे और पत्थर मारते थे. ऐसे करके किसी तरह स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी की.
शादी का था दबाव:-
कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद सारिका के घर वाले चाहते थे कि उनकी शादी हो जाए लेकिन मुसीबत ये थी कि वे एक पोलियोग्रस्त लड़की से कौन शादी करेगा. बस इसलिए उन लोगों ने ये मान लिया था कि उनकी शादी नहीं हो पाएगी.
शुरू की CA की तैयारी:-
सारिका एक इंटरव्यू में बताती हैं, ‘मैंने घर वालों से सीए की तैयारी करने की अनुमति मांगी. पैरेंट्स ने मेरा साथ दिया. इसके बाद मैंने तैयारी शुरू कर दी. हालांकि लंबे वक्त तक घर पर रहने के बाद मैं क्रेडिट और डेबिट तक भूल चुकी थी लेकिन हार नहीं मानीं.आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद मैंने सीए का एग्जाम क्रैक कर लिया था. अब CA बन चुकी थी.
ऐसे मिली UPSC तैयारी की प्रेरणा:-
सारिका अब सीए बन चुकी थी. घर पर खुशी का माहौल था. इसी दौरान एक बार ट्रेन के सफर के दौरान सारिका को किसी ने IAS के बारे में में बताया. सारिका एक इंटरव्यू में कहती हैं, मैंने उनसे पूछा कि ये IAS होता क्या है.अधिकारी बनने के लिए इतना पता था कि अब मुझे यही अधिकारी बनना है.
घर वाले बोले- भूत चढ़ गया था:-
सारिका बताती हैं, 'जब मैंने घर वालों को बताया कि अब मुझे UPSC की तैयारी करनी है. घर वालों ने सोच लिया था कि मेरे ऊपर भूत चढ़ गया है क्या.अच्छा खासा करियर छोड़कर मैं ये क्यों करना चाहती हूं लेकिन मैंने उन्हें समझाया, तब उन्होंने मुझे डेढ़ साल का वक्त दिया.
मेहनत रंग लाई:-
सारिका बताती हैं, डेढ़ साल की मेहनत में मैने जी-जान लगा दी. अपनी दम पर दिल्ली आकर कोचिंग की. फाइनली साल 2013 में मैंने ये एग्जाम क्रैक कर लिया. मैंने 527 रैंक हासिल की थी.