भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में श्वेता विजय जैन और आरती दयाल से आयकर विभाग में हुई लंबी पूछताछ के दौरान ऐसे अफसर व अन्य लोगों का ब्योरा सामने आया है, जिनके बीच लाखों रुपए का लेनदेन हुआ। निशाने पर कई बड़े अफसर भी आ गए है जल्दी ही इनसे पूछताछ हो सकती है। विभाग की खुफिया, बेनामी और इंवेस्टीगेशन शाखा इनके खिलाफ वित्तीय लेनदेन के सबूत जुटा रही हैं।
प्रदेश में करीब चार महीने से हनी ट्रैप मामला सियासी और प्रशासनिक हलकों के साथ मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। आयकर विभाग की बेनामी एवं इंवेस्टीगेशन विंग अब सेक्स कांड और अफसरों को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए ऐंठे जाने की पुष्टि में जुटी हैं।
मामले की प्रमुख आरोपी श्वेता विजय जैन से सोमवार को हुई पूछताछ के दौरान भी विभाग का फोकस इसी बात पर रहा। मंगलवार 14 जनवरी को विभाग के समक्ष हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार आरती दयाल को भी पूछताछ के लिए पेश किया गया। मामले की जांच कर रही एसआईटी सभी आरोपितों से पहले ही लंबी पूछताछ कर चुकी है। इसका ब्योरा भी आयकर विभाग को मिल गया है।
एसआईटी ने सौंपे साक्ष्य:-
बताया जाता है कि एसआईटी ने मामले में चालान पेश होने के बाद आयकर विभाग को अब तक की जांच के संदर्भ में कई तथ्य उपलब्ध करा दिए हैं। आयकर विभाग वित्तीय लेनदेन के संबंध में आरोपितों से पूछताछ, आरोप पत्र और दस्तावेजों की छानबीन से जरूरी तथ्य जुटाने में लगा है।
विभाग का कहना है कि वित्तीय लेनदेन के संदर्भ में उनके सामने कई अफसरों के भी नाम हैं, फिलहाल विभाग इन सभी के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रहा है। साक्ष्य मिलने के बाद इन अधिकारियों को भी आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत समन भेजकर पूछताछ के लिए तलब कर लिया जाएगा।
विभाग जुटा रहा वित्तीय लेनदेन के साक्ष्य:-
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में आयकर इंवेस्टीगेशन विंग के महानिदेशक राजेश टुटेजा ने बताया कि विभाग इस मामले में वित्तीय लेनदेन की जांच में जुटा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा फोकस केवल वित्तीय लेनदेन पर है।