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Sunday, January 5, 2020

रिपोर्ट में खुलासा: एक साल में बिगड़े मध्यप्रदेश के हालात, भूखमरी बढ़ी और रोजगार घटा

भोपाल. नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के लिए बुरी खबर है। 2019 में मध्यप्रदेश में भुखमरी बढ़ी है वहीं, रोजगार के मामले में भी प्रदेश पिछड़ गया है। नीति आयोग का एसडीजी इंडिया इंडेक्स-2019 में भूख के मानको में मध्यप्रदेश नीचे से दूसरे स्थान पर है। नीति आयोग की ओर से सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में राज्यों की प्रगति रे आधार पर उनके प्रदर्शन को आंक कर उनकी रैंकिंग की जाती है।
आदिवासी बाहुल्य इलाकों में विकास करने के मामले में मध्यप्रदेश पिछड़ गया है। नीति आयोग ने हाल ही में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2019 की रिपोर्ट जारी की है। इसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भूख खत्म करने के मानको के मामले में आखिरी पांच प्रदेशों में शामिल है। झारखंड के बाद मध्यप्रदेश में सबसे बुरे हालात इस रिपोर्ट में बताए गए हैं। इस तरह मध्यप्रदेश में 2019 में रोजगार भी कम होते चले गए हैं।
एक साल में बिगड़ गए हालत:-
एसडीजी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2019 में भूख संबंधी हालात बिगड़ गए हैं। मध्यप्रदेश में भूख का मानक गिरकर 41 से 24 पर आ गया है। वहीं, कांग्रेस शासित राज्यों में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी भूख संबंधी हालत बिगड़ गए हैं। राजस्थान में जहां पिछले साल भूख का मानक 45 था वहीं, 2019 में 35 पर पहुंच गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ में भूख का मानक जहां 2018 में 44 था वह गिरकर 27 हो गया है।
मध्यप्रदेश के इन क्षेत्रों की रैंकिंग घटी:-
गिरावट के क्षेत्र साल 2018 साल 2019 बेटियां घटी ( प्रति हजार ) 922 ( प्रति हजार ) 916 ( प्रति हजार ) रोजगार के क्षेत्र में भी गिरावट 44 वीं रैंक 40 वीं रैक
इन क्षेत्रों में सुधरी एमपी की रैंकिंग:-
रैंकिग सुधरने के क्षेत्र साल 2018 साल 2019 एमपी में शांति बढ़ी 59वीं रैंक 63वीं रैंक स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार 38वीं रैंक 50वीं रैंक
7 इंडिकेटर तय करते हैं भूख बढ़ी या घटी:-
एसडीजी लक्ष्य के तहत भूख के लिए 7 इंडिकेटर बना रखे हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, एमपी की 54.6 फीसदी महिलाओं और पांच साल तक के 53.5 फीसदी बच्चों को एनिमिया है। खाद्यान्न उत्पादन 2614 किलो प्रति हेक्टेयर से घटकर 2350.33 किलो प्रति हेक्टेयर हो गया है।