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Saturday, January 11, 2020

ये पान मसाला-गुटखा बना रहा नपुंसक, हैरान कर देगी यह सच्चाई

जबलपुर। सात वर्ष पहले पान गुटखों पर गंभीर हुए प्रशासन की ढीली लगाम की वजह से मुनाफाखोर मिलावटी प्रोडक्ट मार्केट में उतार रहे हैं। इससे खाद्य विभाग अनजान है। उधर, मार्केट में असली गुटखों के बीच मिलावटी गुटखों की खपत धड़ल्ले से की रही है। इनमें कौन से पदार्थो की मिलावट की जाती है, यह रहस्य बना हुआ है। लेकिन जानकारों की मानें तो गुटखों का स्वाद बढ़ाने इनमें ऐसे रसायन मिलाए जा रहे हैं जो बहुत ही जहरीले हैं, जो धीरे-धीरे लोगों को मार रहे हैं। यानि कि शरीर के अंगों को डैमेज कर रहे हैं। इसके अलावा ये पुरुषों को नपुंसक भी बना सकते हैं।
बैन के बाद गुटखे चार से पांच गुना महंगे हो गए थे। इसका फायदा नकली पाउच बनाने वाले 'माफिया' ने उठाना शुरू कर दिया। इन लोगों ने बाजार में लोकल पैकिंग के गुटखे उतार दिए थे। पसंदीदा ब्रांड के पाउच के नाम पर घटिया उत्पाद परोस रहे थे। इस आड़ में कटनी और सतना से नकली गुटखों की खेप शहर में धड़ल्ले से सप्लाई होने लगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा:-
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद गुटखा पाउचों के दामों में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। पहले जो पाउच एक रुपए का बिका करता था, वह रोक लगने के कुछ दिनों बाद दो रुपए का हुआ। वर्तमान में चार से पांच रुपए तक बिक रहा है। वहीं प्लास्टिक पाउच में बेचने पर प्रतिबंध है, इसके बावजूद गुटखा धड़ल्ले प्लास्टिक पाउच में बेचा जा रहा है।
दो ही लोग समझ पाते हैं:-
बिक रहा गुटखा असली है या नकली यह दो ही लोग समझ पाते हैं, एक तो वे जो वर्र्षों से गुटखा बेच रहे हैं या वे बेहद लबे समय से लगातार एक ही गुटखा खा रहे हैं। आमतौर पर खाने वाला तो या दुकानदार भी असली और नकली गुटखे में फर्क नहीं कर पाते।
गुटखा तैयार करने का मिश्रण:-
सुपाड़ी के टुकड़े, कत्था, चूना, इलायची, लौंग, खाने वाला इतर को निश्चित मात्रा में मिलाया जाता है। मिश्रण तैयार होने के बाद इसे कागज के पाउचों में मशीनों के माध्यम से भरा जाता है। जानकार यह कहते हैं कि ब्रांडेड मसाला की नकल तैयार करने में घटिया किस्म की सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। आधा ब्रांडेड मसाला रहता है और आधे में घटिया प्रोडक्ट मिलाया जाता है।
एक्सपर्ट ओपेनियन:-
विक्टोरिया अस्पताल के एमडी डॉ. संदीप भगत ने बताया कि पान मसाले के ज्यादा सेवन से मसूड़ों सहित मुंह की त्वचा खराब होने लगती है। घटिया किस्म का पान मसाला तो और भी खतरनाक है, जो गले पर बुरा असर डालता है। गुटखा खाने वाले मरीज की पहले आवाज बदलती है और फिर गले में गिलटी के साथ दर्द शुरू हो जाता है।