भोपाल। आदिवासियों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए काम कर रही राज्य सरकार क्षेत्रीय आदिवासियों को रियायती दर पर खनिज उत्खनन की अनुमति दे सकती है। आदिवासी मंत्रणा परिषद की बैठक में मांग उठने के बाद आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने विभाग को आदिवासी बहुल 89 विकास खंडों के लिए खनिज नीति बनाकर लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब विभाग यह प्रस्ताव तैयार करेगा और मंत्रणा परिषद के मार्फत सरकार इसे मंजूर करेगी।
जंगलों पर निर्भर आदिवासियों को खनिज उत्खनन के क्षेत्र में लाने की तैयारी चल रही है। मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रणा परिषद की बैठक में आदिवासियों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हें खनिज उत्खनन से जोड़ने का सुझाव दिया था।
इस सुझाव पर तत्काल अमल शुरू हो गया है। बैठक में ही विभागीय मंत्री मरकाम ने अफसरों को आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खनिज उत्खनन की अनुमति देने के लिए नीति बनाने को कहा है। सूत्र बताते हैं कि विभाग जल्द ही नीति तैयार करेगा। जिसे मंत्रणा परिषद के माध्यम से मंजूर कराया जाएगा।
सर्वे करेगा विभाग:-
सूत्र बताते हैं कि नीति बनाने से पहले आदिमजाति कल्याण विभाग आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्थिति खनिज खदानों का सर्वे करेगा। इस सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे आधार बनाकर नीति तैयार की जाएगी।
सरकार की आय पर पड़ेगा असर:-
जानकार बताते हैं कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रेत, पत्थर सहित अन्य खनिज उत्खनन की अनुमति रियायती दरों पर आदिवासी वर्ग को दी जाती है, तो राज्य सरकार के खजाने पर असर पड़ सकता है। दरअसल, अभी सरकार ने रेत और हीरा खदान नीलाम की हैं। जिससे बड़ी राशि सरकार के खजाने में आई है। यदि इनमें से कुछ खदानें रियायती दर पर नीलाम की जाती हैं, तो स्वभाविक रूप से सरकार की आमदनी में कमी आएगी।