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Wednesday, February 26, 2020

हाथों की मेहंदी उतरी नहीं और उजड़ गया सुहाग, शादी के 12 दिन बाद ही हादसे में आर्मी जवान की मौत

मुलताई/ शादी के बारह दिन हुए थे, हर दिन दोनों नए सपने देख रहे थे। हाथों की मेहंदी देख दुल्हन हर दिन इठलाती थी लेकिन एक मनहूस खबर से परिवार में कोहराम मच गया। मामा के घर गए आर्मी जवान की सड़क हादसे में सोमवार रात मौत हो गई। पत्नी के तक जैसे ही यह खबर पहुंची वह बार-बार बेहोश हो रही थी। मंगलवार को गांव में ही जवान का अंतिम संस्कार हुआ। जवान की पोस्टिंग अभी लेह-लद्दाख में थी।
दरअसल, जवान की शादी के सिर्फ बारह दिन बाद ही सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। सोमवार रात में ग्राम बरई के पास उस समय हुई जब जवान भोजन करने के बाद टहलने के लिए सड़क पर निकला था। अज्ञात वाहन ने जवान को टक्कर मार दी। मुलताई अस्पताल में जवान की मौत हो गई। शादी के कुछ दिन बाद ही जवान की मौत से पूरे परिवार और गांव में मातम छाया है।
50 दिन की छुट्टी पर आया था जवान:-
पुलिस के मुताबिक मुलताई थाना क्षेत्र के ग्राम महिलावाड़ी निवासी दुर्गेश हिंगवे सेना में जवान है। दुर्गेश की पोस्टिंग लेह लद्दाख में थी। दुर्गेश अपनी शादी के लिए एक फरवरी को 50 दिन की छुट्टी लेकर गांव आया था। 12 फरवरी को उसकी शादी ग्राम हतनापुर में हुई थी। शादी के बाद दुर्गेश सोमवार को अपने मामा के गांव बरई पहुंचा था। रात में भोजन करने के बाद दुर्गेश ने मामा से कहा कि टहलकर आता हूं।
अज्ञात वाहन ने रौंदा:-
दुर्गेश मामा के घर से टहलते हुए मुख्य सड़क पर पहुंच गया। इस दौरान अज्ञात वाहन ने दुर्गेश को टक्कर मार दी और फरार हो गया। वाहन की टक्कर से दुर्गेश गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन मौके पर पहुंचे और तत्काल निजी वाहन से दुर्गेश को मुलतई अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने जवान को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है।
सैनिक सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि:-
जवान दुर्गेश की अंत्येष्टि पैतृक गांव महिलावाड़ी में सैनिक सम्मान के साथ मंगलवार को हुई। अंतिम विदाई देने एयरफोर्स आमला से गार्ड पहुंची और पुलिस अधिकारी पहुंचे। सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए आसपास के लगभग एक दर्जन गांवों के हजारों लोग पहुंचे थे। अंतिम यात्रा के दौरान सभी की आंखें भर आईं।
पत्नी बार-बार हो रही बेहोश:-
सेना के जवान दुर्गेश की मौत से परिवार के लोगों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। शादी के बारह दिन बाद ही सैनिक की मौत होने से पत्नी बार-बार बेहोश हो रही थई। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि दुर्गेश बहुत ही मिलनसार था और सभी की मदद करता था। गांव आने पर वह लोगों से मिल जुलकर रहता था। अभी घर से रिश्तेदार भी नहीं गए थे कि परिवार में मातम का माहौल हो गया है।