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Friday, February 14, 2020

इस हाल में है पुलवामा शहीद का परिवार, पढ़ें- सरकारी वादे और हकीकत की कहानी

मोगा (पंजाब)। पिछले साल पुलवामा हुए आतंकी हमले में पंजाब के चार जवान शहीद हुए थे। इन्हीं में से एक जवान थे मोगा जिले के गांव गलोटी के जैमल सिंह। शहादत के बाद पंजाब सरकार की ओर से किए वादे अभी अधूरे हैं। सरकार ने पॉलिसी के अनुसार शहीद के परिजनों को 12 लाख रुपये, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, यादगारी गेट और स्टेडियम बनाने का वादा पूरा नहीं हो सका। आइए हमले के एक साल बाद जानते हैं शहीद के परिवार का दर्द...जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले के दौरान मोगा के कस्बा कोटइसे खां के गांव गलोटी का रहने वाले सिपाही जैमल सिंह भी शहीद हो गए थे। जैमल सिंह का जन्म 26 अप्रैल 1974 को गांव गलोटी में ही हुआ था। जसवंत सिंह के बेटे जैमल सिंह 23 अप्रैल 1993 को सीआरपीएफ में भर्ती हुए। सुखजीत कौर से शादी के करीब 16 साल के बाद उन्हें एक बेटे की सौगात मिली थी। शहीद जैमल सिंह के पिता जसवंत सिंह ने कहा कि उनके बेटे की शहादत का पंजाब सरकार ने अपमान किया है।सरकार की पॉलिसी के मुताबिक उन्हें 12 लाख रुपये की पूरी राशि नहीं दी गई। सिर्फ 7 लाख रुपये मिले हैं। वहीं बेटे की शहादत के बाद एक बार भी सरकार का कोई भी नुमाइंदा या फिर जिला प्रशासन की ओर से उनके परिवार से कोई संपर्क या फिर शहीद जैमल सिंह की शहादत को समर्पित कोई कार्यक्रम आदि नहीं करवाया। खालसा एड समाजसेवी संस्था की ओर से पांच हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जा रही है। इसके अलावा मोगा की दो समाजसेवी संस्थाएं शहीद जैमल सिंह के माता पिता को 10-10 हजार रुपये पेंशन दे रही हैं।वादा किया गया था कि शहीद जैमल सिंह के बेटे गुरप्रकाश सिंह को पंजाब सरकार के खर्च पर पूरी जिंदगी के लिए पढ़ाई मुफ्त मिलेगी। शहीद जैमल सिंह की पत्नी सुखजीत कौर के अनुसार पंचकूला के दि गुरुकुल स्कूल में पंजाब सरकार ने उनके बेटे की मुफ्त एडमिशन तो कराया लेकिन मासिक फीस नहीं भरी गई। इसके बाद स्कूल मैनेजमेंट ने ही बेटे गुरप्रकाश सिंह को ताउम्र मुफ्त शिक्षा देने का फैसला ले लिया। सुखजीत कौर का कहना है कि सांसद भगवंत मान ने उनके घर आकर वादा किया था कि वह गांव गलोटी में शहीद जैमल सिंह के नाम से एक खेल स्टेडियम और कस्बा कोटइसे खां में यादगारी गेट बनवाएंगे। इन वादों में से कोई भी पूरा नही हुआ।  
सरकार ने सिर्फ 7 लाख भेजे: डीसी
मोगा के डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस का कहना है कि शहीद जैमल सिंह की शहादत के बाद उनकी ओर से फाइल बनाकर पंजाब सरकार को भेज दी गई थी। सरकार की पॉलिसी मुताबिक 12 लाख के बजाय सात लाख रुपये ही परिवार के लिए भेजे गए। अब बाकी के पांच लाख अभी तक क्यों नहीं भेजे गए, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। डीसी ने कहा कि वह चंडीगढ़ में उच्चधिकारियों से इस मामले संबंधी बातचीत करेंगे। वहीं स्टेडियम और गेट बनाने के वादे पर डीसी ने कहा कि नेताओं के वादे उनके अपने हैं, इसमें जिला प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है।