Breaking

Wednesday, March 18, 2020

कांग्रेस नेता का बड़ा बयान, बोले- तो संकट में आ गई है कमलनाथ सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह का बड़ा बयान आया है। उन्होंने माना है कि कमलनाथ सरकार अब संकट में हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि यदि कांग्रेस के बागी विधायक कांग्रेस के साथ हैं तो ही सरकार बचेगी, और वे कांग्रेस के साथ नहीं हैं तो कमलनाथ सरकार संकट में है।
दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह अक्सर बेबाकी से बयान देकर सुर्खियों में रहते हैं। वे कई बार अपने ही बड़े भाई के खिलाफ बयान दे चुके हैं। पिछले दिनों तो वे अपने विधानसभा क्षेत्र चांचोड़ा को अलग जिला बनाने की मांग कर चुके हैं। उन्हें आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन चांचोड़ा को नया जिला बनाने पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। वे पिछले दिनों अपने बड़े भाई के बंगले के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कमलनाथ सरकार का मामला
इधर खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर बुधवार को सुनवाई का समय दिया है। क्योंकि कांग्रेस की तरफ से कोई पक्षकार नहीं होने के कारण उन्हें भी बुलाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए नोटिस जारी कर कमलनाथ, विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है।
सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि वे दूसरे पक्ष की भी बात सुनना चाहते हैं। अब कोर्ट ने सभी पक्षकारों, मुख्यमंत्री और स्पीकर को भी नोटिस जारी किया है। सबको कल अपना पक्ष रखना है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से फ्लोर टेस्ट की मांग की गई थी। भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए याचिका दायर की थी। भाजपा ने उम्मीद जताई थी कि कर्नाटक की कहानी मध्यप्रदेश में दोहराई जा रही है।
इससे पहले मध्यप्रदेश में सोमवार को भी सियासी उथल-पुथल का दौर रहा। सुबह विधानसभा की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण से हुई थी और एक मिनट के ही भाषण के बाद राज्यपाल वहां से चले गए। इसके बाद स्पीकर ने 26 मार्च तक कोरोना वायरस के चलते विधानसभा स्थगित कर दी। इसके बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। साथ ही सभी 106 भाजपा विधायकों की राजभवन में परेड कराई गई। शाम होते-होते राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा, साथ ही यह भी कहा कि यदि कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट नहीं कराती है तो माना जाएगा कि वो अल्पमत में आ गई है। इसके बाद शाम को कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात भी की थी। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर राज्यपाल की विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ ठन गई है। दोनों में ही पत्राचार के जरिए शीतयुद्ध शुरू हो गया है।