भोपाल. मध्य प्रदेश में मचे सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बेंगलुरू से जब तक विधायक वापस नहीं आएंगे, फ्लोर टेस्ट नहीं कराए जाएंगे. इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था. अब इसके बाद मध्य प्रदेश के कानून मंत्री ने विश्वासमत को लेकर नया दावा कर दिया है. हालांकि, पीसी शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी. उन्होंने बेंगलुरू में रखे गए विधायकों को लेकर बीजेपी पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया है.
पीसी शर्मा ने बातचीत में कहा कि जब तक बेंगलुरु से विधायक नहीं आ जाते तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे और उसका पालन करेंगे. राज्यपाल की चिट्ठी का जवाब सीएम देंगे. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के बंधक विधायक को लेकर बीजेपी के नेता झूठ बोल रहे हैं.
आज मंगलवार को फ्लोर टेस्ट नहीं:-
मध्य प्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार का आज मंगलवार को फ्लोर टेस्ट होना था नहीं हुआ. राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कर बहुमत साबित करने के लिए कहा था, लेकिन स्पीकर कोरोना वायरस के ख़तरे की वजह से 16 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर चुके हैं. ऐसे में विधानसथा में फ्लोर टेस्ट को लेकर कोई तैयारी भी नहीं की गई है न ही आज मंगलवार के लिए विधानसभा की कार्यसूची जारी हुई है. उधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कह चुके हैं कि अगर बीजेपी को फ्लोर टेस्ट कराना है तो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए, हम बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं.
17 मार्च को फ्लोर टेस्ट:-
इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा था. राज्यपाल ने सोमवार शाम सीएम कमलनाथ को भेजी चिट्ठी में लिखा था कि सरकार 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो माना जाएगा कि सरकार को सदन में बहुमत हासिल नहीं है. उधर, सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बीजेपी की याचिका पर सुनवाई हो गयी है, जिसमें 24 घंटे के अंदर कमलनाथ सरकार व स्पीकर को नोटिस जारी किया है।