दिल्ली। भारत कोरोना के खतरे में है लेकिन ये खतरा हमारे हौसले जितना बड़ा नहीं है। हमारी लापरवाही कहीं हमारे लिए मुसीबत ना बन जाए उसके लिए कोशिशें चल रही हैं। ये कोशिश हम और आप दोनों ही मिलकर कर रहे हैं। ये हम सब जानते हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए हमारे पास दो हथियार हैं, पहला हाथ धोना और दूर रहना।
भारत में है जबरदस्त क्षमता:-
दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन इन्हीं बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO ने भारत से उम्मीदें जताई है। WHO ने कहा है कि भारत ने स्मॉल पॉक्स और पोलियो के उन्मूलन में दुनिया का नेतृत्व किया है और भारत में जबरदस्त क्षमता है। हालांकि आंकड़ों पर ध्यान दें और मौजूदा हालातों को समझें तो कोरोना से संक्रमित करीब 70 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं। यहां तक कि दक्षिण कोरिया में संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है।
दुनिया से भागेगा कोरोना:-
एंटी कोरोना वैक्सीन के परीक्षण से जुड़ी कईं खबरें आपने देखी थीं जिसमें आपने देखा होगा कि एक संभावित टीके का मानवीय परीक्षण हो चुका है मतलब ये कि एंटी कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया भर की 8 वैज्ञानिकों की टीमें लगी हुई हैं हालांकि एक कारगर टीके के लिए 2021 तक का इंतजार करना पड़ेगा यानी साल 2021 में कोरोना भारत ही नहीं दुनिया से भी दूर भागेगा।
देश में बना पहला कोरोना टेस्ट किट:-
अब तक अगर आप ये सोच रहे थे कि बड़ी संख्या में लोगों के कोरोना का टेस्ट कैसे संभव होगा तो अब आपको घबराने की जरुरत नहीं क्योंकि अब इसके लिए पर्याप्त टेस्ट किट मिलेंगे। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारत निर्मित पहली टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है। दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देश भारत से आगे हैं जिन्होंने कोरोना वायरस के मामलों को टेस्ट किट की मदद से पहचान करने और रोकने में सफलता हासिल की है लेकिन अब ये किट मेक इन इंडिया है। पुणे की फर्म मायलैब को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मायलैब ने एक सप्ताह में 1 लाख किट तैयार करने का वादा किया है।