न्यूयॉर्क। क्या बीसीजी का टीका कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है? न्यूयॉर्क इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (NIT) की एक स्टडी में कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं । फिर ऐसी स्थिति में भारत के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है क्योंकि भारत में 1962 से ही राष्ट्रीय टीबी प्रोग्राम की शुरुआत के बाद से जन्म के तुरंत बाद बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया जाता है और यानी एक बहुसंख्यक आबादी को यह टीका लग चुका है।
दावा: बीसीजी वाले देशों में कम होगी मौत:-
एक हेल्थ साइंसेज सर्वर में प्रकाशित स्टडी में दावा किया गया है कि बीसीजी टीका की वजह कोविड19 की मौत को कम करने में मदद मिलती है और जिन देशों में बीसीजी का टीका अपनाया गया है वहां उन देशों में मौत का आंकड़ा कम रहेगा। स्टडी से जुड़े वैज्ञानिकों ने पाया की बीसीजी यानी बेसिलस कॉमेट गुएरिन के वैक्सिन से वायरल संक्रमण और सेप्सिस जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
बीसीजी और गैर बीसीजी देश में तुलना:-
NIT की डिपार्टमेंट ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज ने एक स्टडी की है जिसमें बीसीजी के टीके और उसके कोरोना वायरस के असर पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया था। इसमें जिन देशों में बीसीजी का टीका लगवाया जाता है और जिन देशों में बीसीजी की पॉलिसी नहीं है, उनके बीच तुलनात्मक अध्ययन किया गया। यानी बीसीजी पॉलिसी वाले देशों जापान, ब्राजील की तुलना इटली, अमेरिका, लेबनान और बेल्जियम से की गई जहां बीसीजी का टीका नहीं लगावाया जाता। उल्लेखनीय है कि इस वक्त इटली में सबसे अधिक मौत हुई है तो संक्रमित देशों में अमेरिका टॉप पर है।
मौत के आंकड़े से मिल रहे संकेत, हालांकि ट्रायल बाकी:-
अब अगर इटली, स्पेन और अमेरिका को देखें तो यहां संक्रमित लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इटली और स्पेन में सबसे अधिक मौतें हुई हैं तो अमेरिका संक्रमित केस के मामले में टॉप पर है। स्पेन में 8 हजार और स्पेन में 11 हजार से अधिक मौत हो चुकी है। वहीं, ब्राजील जहां से बीसीजी की शुरुआत हुई थी वहां 4 हजार से अधिक लोग संक्रमित हैं और 165 लोगों की जानें गई हैं। यहां भारत का जिक्र भी महत्वपूर्ण है जहां अब तक 1200 के करीब पॉजिटिव केस सामने आए हैं और 32 लोगों की मौत हुई है। भारत में बहुसंख्यक आबादी युवा है य उस हिसाब से 1962 में शुरू हुआ बीसीजी का टीका अब तक 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को लग चुका है। चीन को इस स्टडी में अपवाद में रखा गया है क्योंकि वायरस का केंद्र चीन का वुहान रहा है। चीन में तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है।
NIT की रिपोर्ट सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जर्मनी और ब्रिटेन ने कहा है कि वे कोरोना के मरीजों की देखभाल कर रहे हेल्थ वर्कर्स पर बीसीजी के टीके का प्रय़ोग करेंगे यानी उन्हें यह टीका लगाया जाएगा।