नई दिल्ली: 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज ( Economic Relief Package ) की दूसरी किस्त के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शहरी गरीब ( Urban Poor People ) और प्रवासी मजदूरों के सस्ते घर और सस्ते किराये के मकानों की स्कीम को ङी शामिल कर लिया । क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के जरिए सस्ते मकान की योजना को मोदी सरकार ( Modi Govt ) ने मिडिल क्लास इनकम वाले लोगों के लिए साल 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुर की थी । इसका मकसद लोगों घर खरीदने के लिए होम लोन के लिए प्रोत्साहन देना था।
दूसरी राहत किस्त में प्रवासी मजदूरों पर सरकार हुई मेहरबान, रोजगार से लेकर अनाज तक की व्यवस्था
पहले सरकार ने स्कीम के तहत सब्सिडी लेने वालों के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी। अब इस डेडलाइन को बढ़ाकर मार्च 2021 कर दिया गया है। इस योजना को एक साल के लिए एक्सटेंशन देने के चलते सरकार का खर्च 70,000 करोड़ रुपए बढ़ जाएगा। कितने लोगों को हो सकता है फायदा- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 3.3 लाख परिवार इस स्कीम का फायदा उठा चुके हैं वहीं अवधि बढ़ने से उम्मीद है कि 2.5 लाख नए परिवार इसका फायदा उठा पाएंगे।
अर्थव्यवस्था को कैसे होगा फायदा;-
इस स्कीम के बढ़ने से सस्ते मकान बनाए जाएंगे जिससे कि मूलभूत उद्योगों में शामिल सीमेंट और स्टील जैसी चीजों की मांग बढेगी। कंस्ट्रक्शन कामों में तेजी आएगी। गरीब श्रमिकों को काम मिलेगा यानि अर्थव्यवस्था की गाड़ी को पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी।