Breaking

Friday, May 15, 2020

सात घंटे से भूखे मजदूरों ने बॉर्डर पर किया पथराव, जान बचाकर भागे अधिकारी

सेंधवा-बड़वानी। महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश की सीमा से प्रदेश सहित अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों को बसों से छोड़ने के दौरान गुरुवार को बसें कम पड़ गईं। इसके कारण मजदूरों ने तीन बार हंगामा कर दिया। इस दौरान मजदूरों ने चक्काजाम भी किया और पथराव भी कर दिया।
सीमा के निकट ग्राम गवाड़ी में रोके गए मजदूरों ने बस नहीं आने और सुबह से खाना नहीं मिलने पर दोपहर डेढ़ बजे हाईवे पर चक्काजाम कर सीएम के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद एसडीएम घनश्याम धनगर भोजन के पैकेट लेकर पहुंचे। प्रदेश सीमा स्थित भंवरगढ़ में मजदूर सुबह से धूप में बैठ बसों का इंतजार कर रहे थे। परेशान मजदूरों ने दोपहर तीन बजे हाईवे पर पत्थर जमाकर चक्काजाम कर पथराव कर दिया। पथराव किए जाने से पुलिस अधिकारी, कर्मियों सहित अधिकारियों को मौके से भागना पड़ा। बाद में सख्ती दिखाकर लोगों को हटाया गया। कलेक्टर अमित तोमर ने बताया कि बसों की कमी है। बसें बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
महाराष्ट्र की ओर से आ रहे सभी प्रांत के प्रवासी मजदूरों को उनके घर बस से भेजे जाने की व्यवस्था में गुरुवार को मजदूरों की संख्या की तुलना में बस की कमी ने मजदूरों सहित जिम्मेदारों को परेशान कर दिया। बस नहींमिलने के कारण प्रवासी मजदूरों ने हंगामा कर चक्काजाम किया। बसों की कमी के कारण सीमा स्थित घाट के ऊपर भंवरगढ़ में दोपहर तीन बजे तक मप्र, उप्र, बिहार, राजस्थान के मजदूर धूप में लाइन लगाकर बस का इंतजार करते रहे। कुछ ने लाइन में अपने बैग रखे। नौ घंटे बाद दोपहर तीन बजे तक जब बसे नहीं आई तो मजदूर उग्र हो गए। मजदूरों ने हाईवे पर पत्थर जमाकर चक्काजाम किया। इसके बाद पथराव किया तो जिम्मेदारों ने भाग कर जान बचाई। पथराव में कोई घायल नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने बसे बुलवाकर मजदूरों को भेजना शुरू किया। मजदूरों द्वारा चक्काजाम करने से घाट में वाहनों की कतार लग गई।