भोपाल. कोरोना संकट से जहां आम लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। वहीं, मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा झटका दिया है। राज्य कर्मचारियों का डीए रोके जाने के बाद अब उन्हें एरियर का भी झटका लगा है। राज्य सरकार ने उनके सातवें वेतनमान के एरियर की अंतिम किस्त रोक ली है। इसके पीछे कोरोना वायरस के कारण आर्थिक संकट का हवाला दिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के अधिकारी और कर्मचारियों को 15 से 50 हजार रुपए का नुकसान हो सकता है।
जनवरी 2016 में राज्य में सातवां वेतनमान लागू किया गया था। इसका नकद भुगतान एक जुलाई 2017 से किया गया था। एक जनवरी 2016 से जून 2017 तक कुल 18 महीने के एरियर की राशि तीन किस्तों ( मई 2018, मई 2019 और मई 2020) में मिलनी थी। दो किस्तों का भुगतान हो चुका है, लेकिन तीसरी किस्त के भुगतान को रोक दिया गया है। इस किस्त से प्रदेश सरकार को लगभग पंद्रह सौ करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है।
इस तरह होना था भुगतान:-
तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एरियर की 50 प्रतिशत राशि नकद एवं 50 प्रतिशत राशि सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा होनी चाहिए। जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की शत-प्रतिशत राशि सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया था।
अभी करना होगा इंतजार:-
वित्त विभाग ने एरियर की किस्त अभी नहीं देनी की बात कही है। ऐसे में कर्मचारियों को राज्य री वित्तीय स्थिति ठीक होने तक रूकना होगा। हालांकि इस आदेश में कहा गया है कि शासकीय कर्मचारी की सेवानिवृतिति होती है, वह त्यागपत्र देता है या फिर मौत हो जाती है तो इस राशि का भुगतान तत्काल किया जाएगा। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि कर्मचारी पहले ही मंहगाई की मार झेल रहे हैं सरकार को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए और कर्मचारियों को एरियर का भगुतान करना चाहिए।