भोपाल. मध्यप्रदेश की 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। भाजपा-कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस ने एक बार फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेताओं पर हमला बोला है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर दावा किया है कि मध्यप्रदेश की 24 सीटों में होने वाले उपचुनाव में भाजपा 12 सिंधिया समर्थक नेताओं को टिकट नहीं देगी।
क्या कहा एमपी कांग्रेस ने:-
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा- इस ट्वीट को संभाल कर रखना। बीजेपी 22 जयचंदो में से 12 को टिकट नहीं देगी। 10 जयचंदों को टिकट देगी, लेकिन उन्हे जीतने नहीं देगी। इस तरह पूरे 22 निपट जायेंगे। एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस ने दावा किया है कि अंदरूनी सर्वे से पता चला है कि सिंधिया समर्थक 19 नेताओं की करारी हार होगी जबकि 3 की कांटे की टक्कर मिलेगी। बता दें कि कांग्रेस सरकार से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को कांग्रेस जयचंद कह कर संबोधित कर रही है।
भाजपा सरकार पर भी हमला:-
एमपी कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा- मध्य प्रदेश में इंदौर 2400 संक्रमित से नंबर 1 एवं उज्जैन 16% मृत्यु दर से मौतों में नंबर 1 है। क्योंकि पहले का स्वास्थ्य मंत्री बीजेपी ने ख़रीद लिया और अब का स्वास्थ्य मंत्री जांच और बदले में व्यस्त। मध्यप्रदेश में चीख, मौत और लाश, बीजेपी में मंत्री टिकट और उल्लास।
सिंधिया ने कहा था सभी को मिलेगा टिकट:-
बता दें कि कांग्रेस से बगावत करने वाले सभी नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा था कि सभी 22 नेताओं को उपचुनाव के लिए टिकट मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी कह चुके हैं कि सभी 22 नेताओं को पार्टी टिकट देगी।
सिंधिया खेमे के ये नेता बनेंगे मंत्री:-
ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के नेताओं की बात करें तो उन्के खेमे से इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, महेन्द्र सिंह सिसौदिया के अलावा, बिसाहूलाल साहू, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग को मंत्री बनाया जा सकता है। जबकि तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले से ही शिवराज कैबिनेट में मंत्री हैं।
फूट का भी डर:-
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं। वहीं, दूसरी तरफ शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी बागी तेवर दिखा चुके हैं। उन्होंने हाल ही में बयान दिया है कि मेरे पास सभी विकल्प खुले हैं और समय आने पर इन विकल्पों का प्रयोग करूंगा। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा को फूट का भी डर है क्योंकि मध्यप्रदेश में अभी किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।