अमरपाल सिंह, हरमिंदर सिंह और धर्मपाल सिंह (लेफ्ट टू राइट ) |
पल्लवी शर्मा (स्टेट ब्यूरो हैड पंजाब)
जालंधर, (पंजाब)। शिक्षक समाज व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक तरफ वे विद्यार्थियों के सर्वपक्षीय विकास के लिए सहायता करते हैं ताकि वे आगे चलकर समाज और अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार बनें और देश के विकास में सहयोग दे सकें। हमारे भी कुछ ऐसे टीचर्स हैं, जो इस क्रम को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। टीचर्स डे पर आइए जानते हैं उनके बारे में, जो विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ-साथ उनके जीवन के विकास में भी योगदान दे रहे हैं। ये टीचर्स बाकी समाज के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। इनका एक ही उद्देश्य है कि जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं, उन्हें शिक्षा से वंचित न रहना पड़े और वे भविष्य में कुछ बनकर खुद को साबित कर सकें।
•अपनी गाड़ी में 30 से ज्यादा बच्चों को हर रोज स्कूल ला रहे
गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल नौगज्जा के हेड टीचर अमरपाल सिंह 14 साल से बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए प्रयासरत हैं ताकि वे भविष्य में कुछ कर सकें। 47 साल के टीचर अमरपाल सिंह ने बताया कि शुरू-शुरू में देखा कि स्कूल के आसपास ढोलकी बजाने वाले काफी सारे बच्चे हैं। उनके अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को दो बार सड़क पार करनी पड़ती है। इसलिए वे उन्हें स्कूल नहीं भेजेंगे। आखिर मैंने छोटी गाड़ी खरीदी। बच्चों को रोज स्कूल लाना व छोड़ना शुरू किया। अब 30 से 32 बच्चों को रोज स्कूल लाना व छुट्टी के बाद घर तक छोड़ता हूं। 14 साल से सफर जारी है।
•हर साल दो बच्चों को एजुकेशन के लिए कर रहे अडाॅप्ट
दोआबा खालसा स्कूल लाडोवाली रोड के ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल हरमिंदर सिंह हर साल व्यक्तिगत तौर पर स्कूल के दो विद्यार्थियों को अडाॅप्ट करके उनकी पढ़ाई पूरी करने में मदद कर रहे हैं। अभी तक वे 54 विद्यार्थियों की 12वीं की पढ़ाई पूरी करवाने में मदद कर चुके हैं। 46 साल के हरमिंदर सिंह कहते हैं कि जहां हम काम करते हैं, वहां से लगाव हो जाता है। इसलिए स्कूल के सभी स्टाफ मेंबर किसी न किसी रूप में बच्चों की मदद करते हैं। अपनी समर्था के अनुसार हर टीचर बच्चों के प्रति जिम्मेदारी निभाता है। मैंनेजमेंट भी जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए फंड इकट्ठा करती है।
•100 से ज्यादा बच्चों की किताबें और फीस की जिम्मेदारी उठाई
गवर्नमेंट मिडल स्कूल गुड़ा में टीचर के तौर पर सेवाएं दे रहे धर्मपाल सिंह लंबे समय से एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी की ओर से बर्ल्टन पार्क में चलाए जा रहे स्कूल में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। धर्मपाल सिंह बताते हैं कि जब कॉलेज में थे तो यहां पार्ट टाइम बच्चों को पढ़ाते थे। जब जॉब लगी तो बच्चों की पढ़ाई के लिए कुछ करने के लिए सोचा। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का वे ओपन स्कूल में दाखिला करवाते हैं ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। बच्चों की किताबें और एग्जामिनेशन फीस, रजिस्ट्रेशन फीस तक की जिम्मेदारी वे खुद उठा रहे हैं। ऐसे बच्चों की गिनती 100 से ज्यादा है।