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Tuesday, October 23, 2018

कांग्रेस की पूर्व विधायक का दिग्विजय सिंह पर हमला बोलीं यह है 'मिस्टर बंटाधार'

भोपाल। चुनावी साल में 'मिस्टर बंटाधार' का जुमला जमकर चर्चाओं में है। बीजेपी नेताओं के बाद अब कांग्रेस नेता भी इस जुमले का इस्तेमाल करने से परहेज नही कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज के बाद अब कांग्रेस की पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर ने दिग्विजय को  'मिस्टर बंटाधार' है। उन्होंने मीडिया के सामने ये बात स्वीकार की है कि दिग्विजय मिस्टर बंटाधार है। परुलेकर के बाद के बाद मप्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। जहां कांग्रेस में हड़कंप की स्थिति है वही भाजपा चुटकी लेने से बाज नही आ रही ।बता दे कि परुलेकर दिग्विजय के शासन में ही विधायक रह चुकी है।
दरअसल, बीते दिनों दिग्विजय सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए नजर आ रहे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था कि  उनके भाषण से कांग्रेस के वोट कट जाते हैं। जिसको भी टिकट मिले चाहे दुश्मन को मिले, उस उम्मीदवार को जिताओ और मेरा केवल एक काम है, कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं। मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कट जाते हैं, इसलिए मैं कहीं जाता ही नहीं हूं। दिग्विजय के इस बयान के बाद कांग्रेस में बवाल मच गया था, हालांकि बाद में कांग्रेस नेताओं ने उनके इस बयान पर सफाई पेश की थी। इसी सवाल के जवाब में आज मीडिया से चर्चा करते हुए परुलेकर ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे मे उन्हें इस तरह का बयान नही देना चाहिए। यह बात सही है कि दिग्विजय सिंह मिस्टर बंटाधार हैं और उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस का बंटाधार किया है। दिग्विजय ने सही कहा है कि उनके भाषण और प्रचार से कांग्रेस के वोट कटेंगे।इस बार अगर कांग्रेस हारी तो समझना ये रायता दिग्विजय सिंह ने ही फैलाया है। खास बात यह है कि कल्पना परुलेकर ने यह बात कांग्रेस दफ्तर में बैठकर कही है।
बता दे है कि दिग्विजय दिसंबर 1993 से दिसंबर 2003 तक सूबे की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।इसी दौरान बीजेपी ने 2003 में 'मिस्टर बंटाधार' नाम से एक किताब छपवाई थी, जिसके बाद किताब को लेकर दिग्विजय सिंह ने कोर्ट का भी दरवाज़ा खटखटाया था। अभी भी भाजपा उनके कार्यकाल के दिनों को जनता को याद दिलाती रहती है। यही कारण है कि कांग्रेस हाईकमान ने भी उन्हें एक रणनीति के तहत इस विधानसभा चुनाव में जनता के सामने जाने से रोका है और समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाकर रूठे हुए कांग्रेस नेताओं को मनाने व संगठन को सक्रिय करने की जिम्मेदारी दी है। वही परुलेकर के इस बयान के बाद अब नया बखेड़ा खड़ा हो गया है, बीजेपी को फिर कांग्रेस पर हमले करने का मौका मिल गया है।