इंदौर। सैनिक से 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाली एडवाइजरी कंपनी के 20 अधिकारी व कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कंपनी की महिला डायरेक्टर सहित पांच लोगों की तलाश है। आरोपित सोशल साइट्स पर लड़कियों के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से चेटिंग करते थे। हनी ट्रैप के जरिए उनसे निवेश करवाकर लाखों रुपए ऐंठ लेते थे। डायरेक्टर बड़े निवेशकों को होटल और गेस्ट हाउस में ठहराकर उनके पास लड़कियां भी भेजती थी। फर्जीवाड़े में सेबी अफसरों की भूमिका संदिग्ध है।
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक, विजय नगर थाने के सामने स्थित मंगल सिटी में ट्रेड इंडिया रिसर्च इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी कंपनी पर सोमवार दोपहर छापा मारा गया था। कंपनी पर जम्मू-कश्मीर में पदस्थ सेना के जवान राजेंद्र सिंह से 23 लाख रुपए ठगने का आरोप है। पुलिस ने मंगलवार दोपहर 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें आईटी हेड, सोशल मीडिया प्रभारी, कॉलर और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह की सरगना कंपनी डायरेक्टर नेहा गुप्ता है। उसने टेक्निकल टीम गठित की थी जिसका जिम्मा अजय त्रिपाठी, अशोक पटेल, गौरव गर्ग और खुद नेहा के पास था। आरोपितों ने फेसबुक, लिंकडिन, गूगल प्लस पर लड़कियों के नाम से आईडी बनाकर खूबसूरत लड़कियों के फोटो लगा रखे थे। आरोपित चेटिंग कर लोगों को निवेश के लिए फंसा लेते थे। फर्जी आईडी के जरिए ही सोशल साइट्स से डेटा भी चुराकर सीआरएम पोर्टल पर अपलोड कर देते थे। ग्राहकों के नाम व नंबर देखकर कर्मचारी सिम एक्सचेंज से कॉल करना शुरू कर देते थे।
रोजाना 900 लोगों को कॉल करते थे 300 कर्मचारी-
एसपी (पूर्वी) मो. युसूफ कुरैशी के मुताबिक, आरोपित हनी ट्रैप के जरिए सात लाख लोगों का डेटा चुरा चुके थे। 300 कर्मचारी रोजाना 900 लोगों को कॉल करते थे। कॉलिंग के लिए चाइना से सिम एक्सचेंज खरीदा गया था। यह एक्सचेंज भारत में प्रतिबंधित है। आरोपितों ने 26 हजार लोगों को कॉल कर ग्राहक बना लिया था। इनमें 21 हजार ऐसे निवेशक शामिल हैं जो नुकसान के कारण कंपनी छोड़ चुके हैं जबकि पांच हजार निवेशक अभी भी ठगा रहे हैं। कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी को टारगेट दिया जाता था। उनसे कोरे चेक भी साइन कराकर रखते थे। टारगेट पूरा नहीं होने पर कई कर्मचारी महीनेभर काम कर बगैर वेतन लिए नौकरी छोड़ देते थे।
बाहर के लोगों को बनाते थे निशाना-
एसआईटी प्रमुख एएसपी शैलेंद्रसिंह चौहान के मुताबिक, कंपनी प्रदेश के बाहर के लोगों को टारगेट करती थी। जिन लोगों को ठगा उनमें पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली के लोग शामिल हैं। ठगाए लोगों द्वारा शिकायत करने पर लीगल एडवाइजर गौरव गुप्ता उन पर दबाव बनाकर निवेश की गई राशि का थोड़ा हिस्सा देकर समझौता करवा लेता था।