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Saturday, November 23, 2019

POLITICS- 'एमपी में सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो जरूर बनाएंगे- भार्गव

भोपाल। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनने और वहां चले घटनाक्रम पर कहा कि मध्यप्रदेश में भी हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो जरूर बनाएंगे। गोपाल भार्गव महाराष्ट्र के मुद्दे पर एक लोकल चैनल से बात कर रहे थे।
महाराष्ट्र में विधायकों की खरीद-फरोक्त और तोड़फोड़ की राजनीति से डरी कांग्रेस अपने 44 विधायकों को मध्यप्रदेश में कुछ दिनों से लिए शिफ्ट कर रही है। इस पर गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र के विधायकों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में टूरिज्म के कई स्पाट हैं, उन्हें घूमने जरूर आना चाहिए।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कई बार भाजपा की ओर से दावे किए जाते रहे हैं कि हम मध्यप्रदेश में फिर से सरकार बना सकते हैं, लेकिन उसके पास बहुमत का पूरा आंकड़ा नहीं है। जबकि मध्यप्रदेश में फिलहाल कमलनाथ सरकार बहुमत में पहुंच गई है। हाल ही में भाजपा के पवई विधायक प्रहलाद लोधी को एक मामले में सजा होने पर उनकी सदस्यता निलंबित कर दी गई। इस कारण भी भाजपा की विधायक संख्या 108 हो गई, जबकि बहुमत के आंकड़े के लिए 116 विधायकों की आवश्यकता है। कांग्रेस ने बसपा और निर्दलीयों के साथ मिलकर बहुमत का आंकड़ा पूरा कर लिया है। लेकिन बीच-बीच में कांग्रेस की आपसी खींचतान के बीच बार-बार यह चर्चा सामने आने लगती है कि कांग्रेस की सरकार के विधायक खुद टूट जाएंगे, जिसका फायदा भाजपा को मिल जाएगा। हालांकि कमलनाथ ने सभी गुटों को एक साथ रखा हुआ है।
और क्या बोले भार्गव:-
-भार्गव ने कहा कि राजनीति में कई प्रकार की संभावना बना रहती है।
-मध्यप्रदेश में भी हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो जरूर बनाएंगे।
मध्यप्रदेश में आएंगे कांग्रेस विधायक:-
तोड़फोड़ की आशंका से डरी कांग्रेस अपने 44 विधायकों को मध्यप्रदेश के भोपाल और छिंदवाड़ा में किसी रिसोर्ट में ठहरा सकती है। इसके अलावा यह भी खबर है कि उन्हें जयपुर भी भेजा जा सकता है। बताया जा रहा है कि इन विधायकों को बहुमत सिद्ध करने तक मध्यप्रदेश में ही रहना है।
30 नवंबर तक साबित करना होगा बहुमत:-
शनिवार सुबह महाराष्ट्र में भाजपा ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकापा) से अलग होकर आए अजित पंवार के साथ सरकार बना ली। मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फड़णवीस और उप मुख्यमंत्री पद के लिए अजित पंवार ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद नेताओं के दावे-प्रतिदावों के बाद कांग्रेस और शिवसेना में भी तोड़फोड़ की आशंका जताई जा रही है। भाजपा का दावा है कि हमारे साथ कांग्रेस और शिवसेना के कई विधायक संपर्क में हैं। गौरतलब है कि नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है।