भोपाल। सीहोर नगर पालिका की अध्यक्ष अमिता अरोरा को नगरीय प्रशासन ने पद से हटा दिया है । सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ताओं को लेकर काफी समय से जांच चल रही थी। जांच में दोषी पाए जाने पर नगरीय प्रशासन ने नगर पालिका सीहोर की अध्यक्ष अमिता अरोरा को जबाव प्रस्तुत करने के लिए दिया सात दिन का समय दिया था। नगर पालिका अध्यक्ष ने निर्धारित समय सीमा में जबाव नहीं दिया। बताया जा रहा है कि निर्धारित समय सीमा में जबाब नहीं देने के बाद शासन ने एक बार फिर से नगर पालिका सीहोर की अध्यक्ष अमिता अरोरा को समय दिया। लेकिन उसके बाद नगर पालिका सीहोर की अध्यक्ष अमिता अरोरा ने अपना पक्ष नहीं रखा। जिसके बाद से शासन ने कार्रवाई करते हुए नगर पालिका सीहोर की अध्यक्ष अमिता अरोरा को पद हटा दिया।
पार्षद और नगर पालिका अध्यक्ष के बीच मची थी कलह:-
सीहोर नगर पालिका में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पार्षद और नगर पालिका अध्यक्ष के बीच कलह मची हुई थी। इसके पहले नगर पालिका अध्यक्ष अमीता अरोरा ने अपना पक्ष रखने के लिए एक प्रेसवार्ता की थी। प्रेसवार्ता में नगर पालिका अध्यक्ष अमीता अरोरा ने पार्षदों पर ठेकेदारी करने और गलत फाइलों पर हस्ताक्षर के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। अमिता अरोरा के पति जसपाल अरोरा ने कहा था कि कांग्रेस सरकार उनके खिलाफ साजिश कर रही है। इसके बाद पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने मीडिया से रूबरू होकर अरोरा के सभी आरोपों को निराधार बता दिया था।
कांग्रेस ने मुझे लालच दिए, मैंने ज्वाइन नहीं की:-
सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा के पति पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल अरोरा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था। नपा की वित्तीय अनियमितताओं की जांच में फंसी पत्नी का बचाव करते हुए भाजपा नेता जसपाल अरोरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने मेरे लिए काफी एप्रोच की थी। मुझे मनमर्जी का चुनाव लड़ाने और निगम मंडल का अध्यक्ष बनाने तक का प्रलोभन दिया गया था, लेकिन मैंने मना कर दिया था, जिसे लेकर सरकार ने झूठ प्रकरण तैयार कर हमें फंसाया है।