नई दिल्ली. सितंबर खत्म होने में अब कुछ ही दिन बाकि हैं. अक्टूबर में कई ऐसे फाइनेंशियल बदलाव होने वाले हैं, जो आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं. 1 अक्टूबर से SBI, GST रेट, कॉर्पोरेट टैक्स समेत कई चीजें बदल जाएंगी जो आम आदमी की जन्दगी पर सीधा असर डालेंगी. जानिए इन बदलावों से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा.
आइए आपको बताते हैं क्या 1 अक्टूबर से क्या रहा है बदल:-
SBI मुफ्त में देगा ये चीजें:-
पहला सबसे बड़ा बदलाव मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) को लेकर होने वाला है. एसबीआई के बैंक अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर चार्ज में कटौती होने वाली है. यह कटौती लगभग 80 फीसदी तक की हो सकती है. अभी आपका बैंक अकाउंट अगर मेट्रो सिटी और शहरी इलाके की ब्रांच में है तो आपको खाते में एवरेज मंथली बैलेंस क्रमश: 5,000 रुपये और 3,000 रुपये रखना होता है.
OBC से रेपो रेट लोन 8.35% पर मिलेगा:- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) ने रेपो रेट से लिंक्ड नए रिटेल व MSE लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं. ये लोन 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध होंगे. MSE और रिटेल लोन के तहत OBC द्वारा दिए जाने वाले सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर पर मिलेंगे. इन नए प्रॉडक्ट्स में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.35 फीसदी से शुरू होगी, जबकि MSE के लिए लोन की ब्याज दर 8.65 फीसदी से शुरू होगी.
ड्राइविंग लाइसेंस का रूल बदलेगा:-
बदलते ट्रैफिक नियमों के साथ 1 अक्टूबर से आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी बदलने जा रहा है. केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव करने जा रही है. नए नियम पूरे देश में 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. इसके बाद आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट कराना होगा. दरअसल, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) के साथ ड्राइविंग लाइसेंस कानूनी रूप से जरूरी है. लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी दोनों का रूप-रंग बदल जाएगा.
पेट्रोल-डीजल खरीदने पर कैशबैक नही:-
SBI क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीज़ल खरीदने पर अब आपको 0.75 फीसदी कैशबैक नहीं मिलेगा. SBI क्रेडिट कार्ड ने अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर बताया है कि वह 1 अक्टूबर से इसे बंद करने जा रहा है. आपको बता दें कि SBI क्रेडिट कार्ड के जरिए फ्यूल खरीदने पर ग्राहकों को 0.75 फीसदी कैशबैक मिलता था. लेकिन HPCL, BPCL और IOC ने कैशबैक स्कीम को वापस लेने के निर्देश दिए है.
ATM से कैश रूल में हुए ये बदलाव:-
1 अक्टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदलने वाले हैं. अब बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे. अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्शन की है. वहीं अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा.
कई चीजों पर कम हुआ GST:-
GST काउंसिल की 37वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है. इस बैठक में कई चीजों से टैक्स का बोझ कम किया गया है. GST काउंसिल की बैठक में सबसे बड़ी राहत होटल इंडस्ट्री को मिली है. अब 1000 रुपये तक किराए वाले पर टैक्स नहीं लगेगा. वहीं इसके बाद 7500 रुपये तक टैरिफ वाले रूम के किराए पर अब सिर्फ 12 फीसदी जीएसटी देना होगा. जीएसटी काउंसिल ने 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सेस को घटा दिया गया है. काउंसिल ने स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी को 12 फीसदी कर दिया है.
पेंशन पॉलिसी में हुआ बदलाव:-
मोदी सरकार ने कर्मचारियों खयाल रखते हुए एक और फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़ी ही पेंशन का फायदा मिलेगा. मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. बता दें कि अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से पेंशन मिलती थी. लेकिन अब 7 साल से कम की सर्विस में भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिजन बढ़ी हुए पेंशन के लिए एलिजबल होगें.
इन चीजों पर बढ़ा GST:-
रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर GST की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है. पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18 फीसदी की दर की जगह 28 फीसदी की दर से टैक्स और 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया गया है.
प्लास्टिक बैन:-
2 अक्टूबर को सरकार प्लास्टिक से बने प्रोडक्टस के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी. देशभर में प्लास्टिक से बने बैग, कप और स्ट्रॉ पर सरकार पाबंदी (Plastic Ban) लगाने की तैयारी कर रही है. 2 अक्टूबर को मोदी सरकार प्लास्टिक से बने 6 प्रोडक्टस के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी. भारत में बढ़ते पॉल्यूशन को खत्म करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना बहुत जरूरी है. सरकार के इस कदम से आम लोगों के लिए कई नए बिज़नेस शुरू करने के ऑप्शन्स खुलेंगे.
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती:-
बीते 20 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसे 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था. इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स के अलावा सरचार्ज देना पड़ता था जबकि विदेशी कंपनियों को 40 फीसदी टैक्स देना पड़ता था. वित्त मंत्री की इस घोषणा के मुताबिक, 1 अक्टूबर के बाद सेटअप किए गए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा. इसके बाद इन कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01 फीसदी हो जाएगा.