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Monday, September 9, 2019

80 हजार की रिश्वत मांगने वाले सब इंजीनियर को दो साल की कैद, सड़क का मूल्यांकन करने सरपंच से मांगे थे पैसे

सागर (एमपी)। पंचपरमेश्वर योजना के तहत बनाई गई 4 लाख रुपए की सड़क का मूल्यांकन करने के एवज में 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले मालथौन जनपद पंचायत के सब इंजीनियर को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रामबिलास गुप्ता ने 2 साल के सश्रम कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि ग्राम पंचायत पातीखेड़ा के सरपंच बलराम सिंह ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर से आरोपी द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि उसने पंचपरमेश्वर योजना के तहत चार लाख रुपए की लागत से कन्नाखेड़ी गांव से लोंगर गांव तक सड़क का मुरमीकरण कराया था। काम पूरा हो चुका है। इस काम का मालथौन जनपद पंचायत में पदस्थ सब इंजीनियर नीलेश वासनिक ने आधा-अधूरा मूल्यांकन किया था। 
जब सब इंजीनियर से सड़क का बाकी रह गया मूल्यांकन करने की बात कही तो उपयंत्री ने टालमटोल कर दी। बाद में आरोपी ने सड़क का मूल्यांकन करने के एवज में 80000 रुपए रिश्वत देने की मांग की। बलराम आरोपी को रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़वाना चाहता था। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन कराया।
शिकायत सही पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर ट्रैप करने की योजना बनाई गई। बलराम का संपर्क आरोपी से नहीं होने के कारण रिश्वत का लेनदेन नहीं हो सका। लिहाजा आरोपी को रंगे हाथों ट्रैप नहीं किया जा सका। आरोपी के द्वारा रिश्वत की मांग की जाना तथा रिश्वत लेने के लिए सहमत होने का मामला प्रमाणित होने पर लोकायुक्त ने केस दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी माना। कोर्ट ने आरोपी को 2 साल के सश्रम कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।