भोपाल. मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप केस में बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी महिलाएं नेताओं और अफसरों को फंसाने के लिए कॉल गर्ल्स का भी इस्तेमाल करती थीं. आरोपी युवतियों से ज़ब्त मोबाइल फोन में दर्जनों कॉल गर्ल्स के साथ-साथ आईएएस आईपीएस अफसरों और बीजेपी-कांग्रेस के कई नेताओं के नंबर और कॉल डिटेल्स मिले हैं. माना जा रहा है कि ये नंबर ही अब कई राज खोलेंगे.
कॉल गर्ल्स के जरिए हनी ट्रैप:-
सूत्रों ने बताया कि हनी ट्रैप में गिरफ्तार महिलाओं के साथ कई कॉल गर्ल्स भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं. आरोपी युवतियां, नेताओं और अधिकारियों को रिझाने और फंसाने के लिए कॉल गर्ल्स का इस्तेमाल करती थीं. युवतियों से बरामद पांच मोबाइल फोन ने कई राज उगले हैं. बताया जा रहा है कि ये युवतियां, राजनेताओं और अधिकारियों के पास एनजीओ के काम के बहाने जाती थीं और फिर साजिश के तहत अपना काम शुरू करती थीं. वो नेताओं और अफसरों को हुस्न के जाल में फंसाकर उन्हें कॉलगर्ल्स का ऑफर देती थीं. जो लोग राजी हो जाते थे उनके पास कॉल गर्ल्स पहुंचा दिया जाता था.
कई नेता-अफसर फंसे चंगुल में:-
पता चला है कि पकड़ी गई युवतियों ने अपने इस हथकंडे के जरिए कई नेताओं और अफसरों को फंसाया है. पुलिस अब इन आरोपियों के कॉल डीटेल्स और कॉल गर्ल्स के नंबर के आधार पर जांच कर रही है. जांच में कई और युवतियों और अफसर-नेताओं के नाम का खुलासा हो सकता है.
40 कॉल गर्ल्स के नंबर:-
सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार युवतियों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली गईं तो उसमें करीब 40 कॉल गर्ल्स के मोबाइल फोन नंबर मिले. इन नंबरों पर आरोपी युवतियों ने कई बार संपर्क किया. जिन कॉल गर्ल्स के नंबर हैं वो भोपाल, इंदौर, सागर और दूसरे जिलों की रहने वाली हैं. सबसे ज्यादा नंबर भोपाल की कॉल गर्ल्स के मिले. पुलिस अब उन नंबरों के आधार पर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार वो कौन सी कॉल गर्ल्स हैं जो इन आरोपी युवतियों के साथ लंबे समय से लगातार संपर्क में हैं. पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि इन कॉल गर्ल्स के अलावा भी क्या दूसरे लोग भी इस हनी ट्रैप रैकेट में शामिल थे.
नेताओं, IAS-IPS और कारोबारियों के नंबर
आरोपी युवतियों के मोबाइल फोन में कॉल गर्ल्स के नंबर के साथ बीजेपी कांग्रेस के नेताओं और बड़े कारोबारियों के फोन नंबर भी मिले हैं. इंदौर पुलिस इन नंबरों की भी जांच कर रही है. पता चला है कि छतरपुर की रहने वाली आरोपी युवती लगातार बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में थी. उसके मोबाइल में बीजेपी नेताओं के नंबर भी मिले हैं. इसके अलावा भोपाल से गिरफ्तार युवती के मोबाइल फोन में कई कांग्रेस नेताओं के नंबर मिले हैं. उन सभी नंबरों की जांच भी पुलिस कर रही है. इसके साथ ही कई आईएएस और आईपीएस अफसरों के फोन नंबर भी इनके मोबाइल फोन में सेव हैं. भोपाल से गिरफ्तार आरोपी पुरुषों के मोबाइल फोन में कांग्रेस के बड़े नेताओं के नंबर मिले हैं.
ऐसे शुरू हुआ हनी ट्रैप:-
हनी ट्रैप करने वाली युवतियों के बारे में बताया जा रहा है कि सबसे पहले उन्होंने छोटे अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ धंधा शुरू किया और व्यापारियों को अपना निशाना बनाया था. उसके बाद राजनेताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया. जब राजनीतिक दलों में पैठ बन गयी तो फिर नेताओं को हनी ट्रैप में फंसाया गया. आरोपी युवतियों ने नेताओं के सहारे कई सरकारी प्रोजेक्ट लिए और ब्यूरोक्रेट्स (नौकरशाह) में आना-जाना शुरू किया. धीरे-धीरे गिरोह के निशाने पर बड़े नौकरशाह और राजनेता आ गए.
इनका कहना है:-
पुलिस इन आरोपी युवतियों से पूछताछ कर रही है. इस केस से जुड़े सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. इस मामले से जुड़े दूसरे फरियादी सामने आते हैं तो उनकी शिकायत पर भी कार्रवाई की जाएगी.
इंजीनियर की ब्लैकमेलिंग:-
बता दें कि इंदौर पुलिस ने हाल ही में नगर निगम के अधिकारी की शिकायत पर छतरपुर और राजगढ़ से दो युवतियों को गिरफ्तार किया था. इंजीनियर का आरोप था कि आरोपी युवतियों ने उसका वीडियो बनाया और अब ब्लैकमेल कर रही हैं. इसके बदले इन युवतियों ने इंजीनियर से तीन करोड़ रुपए मांगे थे. वो कुछ पैसा दे चुका था. बाकी की राशि के लिए महिलाएं लगातार उसे फोन पर धमकी दे रही थीं.
इंदौर पुलिस ने उन दो युवतियों से मिली जानकारी के आधार पर बाद में भोपाल से तीन और युवतियों और पुरुष को गिरफ्तार किया. मामले की जांच में कई राजनेता, आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के हनी ट्रैप का शिकार बनने की बात सामने आई. मामले में बड़े लोगों के नाम आने के बाद एमपी इंटेलिजेंस और एटीएस ने अपने स्तर पर जांच शुरू की. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे कई बड़े खुलासे हो रहे हैं.