ग्वालियर। राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने भारतीय वायुसेना प्रमुख का पदभार संभाल लिया है. उनके एयरचीफ मार्शल बनते ही ग्वालियर में जश्न मनाया गया. आपको बता दें कि ग्वालियर में रहने वाली उनकी छोटी मिथिलेश के घर मिठाईयां बांटकर खुशियां मनाई गईं. हालांकि एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के कोरथ गांव के रहने वाले है, जिसे वीरों का गांव भी कहा जाता है. जबकि उनकी बहन मिथलेश और चाचा ग्वालियर के वायु नगर में रहते हैं. बहन मिथिलेश ने कहा कि खुशी के चलते बीती रात नींद तक नहीं आई. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि भाई राकेश कुमार सिंह भदौरिया एयरचीफ मार्शल बनकर एयरफोर्स और देश सुरक्षा को ऊंचाईयों पर ले जाएंगे. वहीं एयरचीफ मार्शल की भांजी निवेदिता का कहना है कि आज मामा के एयरचीफ बनने पर मन खुश है और उसने अपने मामा से भारत को पीओके जल्द दिलाने की गुजारिश भी कर दी है.
एयरफोर्स में इतिहास कायम कर चुके है भदौरिया:-
एयरचीफ मार्शल राकेश सिंह भदौरिया की खासियत रही है कि उन्होंने हर चुनौती के दौरान लीक से हटकर काम किया है. भदौरिया की अगुआई में ही यमुना एक्सप्रेस-वे पर फाइटर विमान उतारने का टास्क पूरा किया गया था. जी हां, यमुना एक्सप्रेस-वे पर आपात स्थिति में लड़ाकू विमान उतारने की बात आई तो राकेश सिंह भदौरिया के ही नेतृत्व में फाइटर जेट उतारे गए थे. भदौरिया ने 1980 में वायु सेना ज्वाइन की थी और अपनी काबिलियत से उन्होंने वायु सेना मेडल, सियाचिन ग्लेशियर मेडल, ऑपरेशन विजय मेडल, ऑपरेशन पराक्रम मेडल हासिल किए हैं.
ग्वालियर में रहने वाली बहन मिथिलेश के घर मिठाईयां बांटकर खुशियां मनाई गईं.
फ्रांस में राफेल से भर चुके हैं उड़ान:-
भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने 12 जुलाई को फ्रांस में राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. जबकि वह 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए गठित निगोसिएशन टीम का हिस्सा भी थे. उड़ान के बाद उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमान राफेल देश की सेना के लिए बेहद अहम साबित होगा. वायुसेना में शामिल होते ही राफेल और सुखोई की जोड़ी दुश्मन का तनाव बढ़ाने का काम करेगी.
26 अलग विमान उड़ाने का अनुभव:-
भदौरिया को 26 अलग-अलग तरह के विमान उड़ाने का अनुभव है. अब तक उन्होंने कई महत्वपूर्ण दायित्व निभाएं हैं. भदौरिया देश के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र मोर्चे पर जगुआर स्क्वाड्रन के कमांडर रह चुके हैं. इसके अलावा वह फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन और सिस्टम टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट के कमांडिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, तो वहीं राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में तेजस एलसीए प्रोजेक्ट के चीफ टेस्ट पायलट और प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह हैं. भदौरिया एनडीए के पूर्व छात्र हैं और 15 जून 1980 को वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में शामिल हुए थे. जबकि उन्होंने बांग्लादेश के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से रक्षा अध्ययन में पोस्ट ग्रेजुएट किया है. भदौरिया को उनके करियर के दौरान परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और वायु सेना मेडल से नवाजा गया है.
अब तक मिल चुके हैं कई पदक:-
अब तक के सेवाकाल में आरकेएस भदौरिया को कई पदकों से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें जनवरी 2013 में अति विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा गया था. इससे पहले जनवरी 2002 में उन्हें वायु सेना पदक से सम्मानित किया जा चुका था. जबकि जनवरी 2018 में उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. बता दें कि इसी साल 1 मई को भदौरिया ने भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख का कार्यभार संभाला था.